हल्द्वानी रिंग रोड का क्या होगा:-क्योंकि वनभूमि बचाने के लिए विभाग ने लगाएं सर्वे से पूर्व ही पेड़,तो किसानपुत्रों की भी पहले ही आपत्ति तैयार
ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना के पूर्ण निर्माण का भविष्य में क्या होगा यह क्या पाना अब बड़ा मुश्किल लग रहा है,क्योंकि रिंग रोड परियोजना जो की चार सेक्टर में बननी है वह पूरी भी हो पाएगी या एक सेक्टर का माध्यम सिर्फ चौड़ीकरण होगा।
जी हां ऐसा इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि बीते महीने हल्द्वानी में भाबर क्षेत्र के किसानपुत्रों ने हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना से अपने खेत मकान दुकान गौशाला आदि को बचाने के लिए 27 दिनों तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन दिन रात चलाया और सरकार का जमकर विरोध किया,जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र में जो सड़क का निर्माण 45 मी का होना था उसे 30 मी किया गया और इसके भविष्य में पांच सर्वे पुन निर्माण खंड ने करने की बात कही।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसानपुत्र किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं संघर्ष समिति के संस्थापक कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि आंदोलन के दौरान क्षेत्रीय विधायक कालाढूंगी बंशीधर भगत और निर्माण खंड के अधिकारियों द्वारा जंगल किनारे रिंग रोड का सर्वे किया गया जिसके बाद वन विभाग तुरंत जग गया और विभाग ने विधायक जी के सर्वे किए रास्ते पर पिछले एक माह में हज़ारों पेड़ लगा डाले हैं क्योंकि वन विभाग अपनी भूमि की कीमत जानता हैं और उसकी रक्षा करना भी,लेकिन उपाध्याय ने कहा कि वह भी अच्छे से अपने पूर्वजों की भूमि की कीमत भी जानते हैं और उसकी रक्षा करना भी इसके लिए उन्हें भीड़ से अधिक जरूरी हैं अच्छे सलाहकारों की जिससे इस विनाशकारी परियोजना से खेतों की रक्षा की जा सकें।
इसी क्रम में वन विभाग की तरह अपने खेतों की रक्षा करने के लिए कल वह निर्माण खंड लोनिवि हल्द्वानी के माध्यम से सर्वे से पूर्व ही एडवांस में आपत्ति मुख्य सचिव उत्तराखण्ड सरकार के लिए भिजवाएंगे,जिससे भविष्य में भी इस रिंग रोड का सर्वे उनके खेतों से ना हो सके।
अब इसके बाद बड़ा सवाल यह हैं कि चार सेक्टरों में बनने वाली रिंग रोड का क्या पूर्ण रूप से निर्माण हो पाएगा या जो किसान पुत्र पहले दिन से कह रहें हैं सड़क चौड़ीकरण ही इसका समाधान हैं।
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