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प्रशासन की तत्परता और पुलिस की सूझबूझ ने शहर को बड़ी सांप्रदायिक आग से बचा लिया।
घटना कैसे फैली: मिनट-टू-मिनट हलचल
रविवार शाम 7:30 बजे मंदिर के पास गोवंश जैसा दिखने वाला सिर मिलने की खबर फैली। कुछ ही मिनटों में भीड़ जुटने लगी और नारेबाजी शुरू हो गई। कई थानों की पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुँची, लेकिन तनाव बढ़ता गया।
8:20 बजे युवकों ने शमा डीलक्स रेस्टोरेंट पर पथराव कर दिया। अंदर बैठे लोग जान बचाकर भागे।
भीड़ ने एक कार तोड़ी, टैंपो पलटाने की कोशिश की और पुलिस पर भी पथराव हुआ।
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई युवकों को हिरासत में लिया।
CCTV फुटेज ने बदल दिया मामला
तनाव के बीच महापौर गजराज सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ पूरी स्थिति पर नजर रखी।
बाद में एक मकान के CCTV फुटेज की जांच की गई, जिसमें सामने आया कि:
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अवशेष को कोई इंसान नहीं, बल्कि एक कुत्ता उठाकर मंदिर के पास छोड़ गया था।
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वीडियो में कुत्ता मुंह में सिर दबाए आता और कुछ ही सेकंड में उसे रखकर चला जाता दिखा।
इस फुटेज ने हिंसा का पूरा आधार खत्म कर दिया।
कानून-व्यवस्था: शहर में PAC व अतिरिक्त फोर्स तैनात
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत फ्लैग मार्च किया और उजाला नगर क्षेत्र में कड़ी गश्त शुरू कर दी।
तनावग्रस्त क्षेत्रों में:
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4 CO
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सभी थाना प्रभारी
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PAC
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अतिरिक्त पुलिस बल
तैनात किया गया है। जरूरत पड़ने पर पैरामिलिट्री फोर्स भी बुलाने की तैयारी है।
‘कुछ तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की’ — विधायक सुमित हृदयेश
कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि कुछ तत्वों ने घटना को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने नागरिकों से अफवाहों से दूर रहने और पुलिस को जांच करने देने की अपील की।
पहले भी अफवाहों से बिगड़ा था माहौल
हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्र में पहले भी कई बार अवशेष मिलने या मूर्ति खंडित होने की अफवाहों से तनाव पैदा हुआ:
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कालाढूंगी (2025): वाहन में पशु अवशेष मिलने की अफवाह, बाद में मामला अलग निकला।
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मंगल पड़ाव: मूर्ति खंडित मिली, जबकि वह टेंट का सामान ले जाने में टूट गई थी।
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राजपुरा (अप्रैल 2025): पशु अवशेष डालकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी।
हर बार जांच में सच्चाई कुछ और ही सामने आई।












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