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हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी (CDO) आकांक्षा कोंडे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में पाई गई अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए तीन ग्राम विकास अधिकारियों (VDO) पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
मनरेगा योजना के तहत कार्यों में अनियमितता के आरोप में ग्राम विकास अधिकारी रविंद्र सैनी (ग्राम पंचायत गढ़) और प्रमोद सैनी (ग्राम पंचायत आन्नेकी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई विकासखंड बहादराबाद में हुई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें दोनों अधिकारी दोषी पाए गए।
निलंबन अवधि के दौरान दोनों अधिकारी अन्य विकासखंडों से संबद्ध रहेंगे। सीडीओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यह कदम योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इसी क्रम में, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत इब्राहीमपुर मसाही, विकासखंड भगवानपुर में आवास निर्माण में अनियमितता पाए जाने पर ग्राम विकास अधिकारी विनय प्रताप की एक वार्षिक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकी गई है। जांच में उनकी संलिप्तता प्रमाणित होने पर यह कठोर निर्णय लिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने दो टूक कहा है कि भविष्य में यदि इस प्रकार की अनियमितताएं सामने आईं, तो अन्य अधिकारियों पर भी कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि योजनाओं के संचालन में पूर्ण पारदर्शिता और नियमों का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।
CDO ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है।
एक और बड़ी कार्रवाई:
इस बीच उत्तराखंड पेयजल निगम, हल्द्वानी में पदस्थ प्रभारी मुख्य अभियंता को भी भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया है। जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया।
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