हरीश रावत ने की ‘जूता सेवा’, अरदास कर मांगी क्षमा
गुरुद्वारे पहुंचकर हरीश रावत ने संगत के सामने अरदास की और जोड़ा सेवा (जूता सेवा) करते हुए विनम्रता के साथ कहा कि
“मुंह की फिसलन कई बार बहुत भारी पड़ जाती है। यदि अनजाने में किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो हम क्षमा प्रार्थी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सिख समाज भारत की पहचान है—गौरवशाली, साहसी और उदार। ऐसे समाज के सम्मान में किसी भी प्रकार की त्रुटि अस्वीकार्य है, और कांग्रेस इसका पूरा सम्मान करती है।
कांग्रेस पार्टी भी हुई असहज
हरक सिंह रावत के बयान से जहां सिख संगठनों ने नाराज़गी जताई है, वहीं कांग्रेस संगठन भी इस पूरे विवाद से असहज महसूस कर रहा है। स्थिति को संभालने के लिए हरीश रावत का गुरुद्वारा जाकर खेद प्रकट करना पार्टी का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हरक सिंह रावत पहले ही मांग चुके हैं माफी
इससे पहले स्वयं हरक सिंह रावत भी सिख समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांग चुके हैं। बावजूद इसके, सिख समाज की भावनाओं को शांत करने और स्थिति को सामान्य करने के लिए हरीश रावत की यह पहल राजनीतिक रूप से भी अहम मानी जा रही है।
गुरुद्वारे में लंगर सेवा में भी किया सहयोग
हरीश रावत ने संगत के साथ लंगर सेवा में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया। उनके साथ कांग्रेस नेता संजय शर्मा, महेंदर सिंह नेगी, ओमप्रकाश सती, गुलजार अहमद, दीप वोहरा, जसबीर रावत, कमल सिंह रावत सहित कई स्थानीय नेता मौजूद रहे।













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