साग के बिना सर्दियों का मौसम अधूरा माना जाता है. साग के साथ चावल और रोटी को लोग बड़े चाव से खाते हैं. दरअसल इस मौसम में ही सरसो, बथुआ, पालक, मेथी जैसे साग की पैदावार होती है. स्वाद से भरपूर ये साग आपकी सेहत का भी भरपूर ख्याल रखते हैं. इस मौसम में गेहूं और सरसों की फसल के साथ उगने वाला बथुआ का साग भी बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. बथुआ में कई तरीके के विटामिन, मिनरल्स और पोषक तत्व पाए जाते हैं. जानकारों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में अगर बथुआ का सेवन नियमित तौर पर किया जाए. तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
कब्ज और गैस से मिलेगा छुटकारा
बथुआ में विटामिन बी1, बी3, बी5, विटामिन सी, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन, फास्फोरस, मैंगनीज और विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जिसकी वजह से यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. बथुआ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.बथुआ के साग में एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर है. इसके सेवन से आपको जल्दी कोई पेट का विकार नहीं होगा. ये साग कब्ज और गैस से छुटकारा भी दिलाता है. साथ ही ये हाज़मा भी दुरुस्त करता है।
ताजा पतियों का ऐसे करें सेवन
बथुआ का सेवन रोटी, पूड़ी, रायता या फिर साग बना कर किया जा सकता है. इसके अलावा बथुआ की ताजी पत्तियों का रस निकाल कर पीने से गुर्दे की पथरी और पेट के कीड़े बाहर निकलने में मदद मिलती है।
खून की कमी दूर करता है बथुआ
बथुआ की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से त्वचा को धोया जाए तो त्वचा संबंधित रोगों से भी मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं बथुआ में पाए जाने वाले आयरन की वजह से महिलाओं में खून की कमी को पूरा करता है. बथुआ में पाए जाने वाला विटामिन ए आंखों की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है।
पीरियड की समस्या से निजात
बथुआ अपनी गर्म तासीर की वजह से महिलाओं की माहवारी की समस्या से भी राहत दिलाने का काम करता है। अगर महिलाओं को माहवारी रुक-रुक कर होती है तो ऐसे में बथुआ के साग में काला नमक मिलाकर इसका सेवन किया जाए तो पीरियड की समस्या में राहत मिलती है।