पिछले वर्ष अगस्त में हल्द्वानी के गौलापार में एक कालेज द्वारा फर्जी डिप्लोमा बांटने का एक बड़ा मामला उजागर हुआ था,जिसमें आरोपी प्रकाश सिंह द्वारा स्वयं के कॉलेज को डीपीएमआई दिल्ली की ब्रांच दिखाकर लगभग तीन दर्जन से अधिक छात्रों के साथ धोखाधड़ी की उन्होंने न सिर्फ छात्रों से रजिस्ट्रेशन फीस ली बल्कि कोर्स की फीस भी ली और उन्हें फर्जी डिप्लोमा और मार्कशीट पकड़ा दी।
इसका खुलासा एक छात्र द्वारा अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए लगाए गए डिप्लोमा के बाद हुआ।
जिसको लेकर प्रभावी छात्र हिमांशु नेगी सहित 38 अन्य छात्रों द्वारा पुलिस में उक्त कॉलेज के एमडी प्रकाश सिंह मेहरा उनकी धर्मपत्नी एवं एक अन्य के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया,पुलिस ने प्राथमिक जांच में प्रकाश सिंह को दोषी पाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
परंतु यह मामला फिर से एक बार चर्चाओं में आ गया है क्योंकि उक्त आरोपी प्रकाश सिंह मेहरा को निचली अदालत से लगभग डेढ़ माह पूर्व जमानत मिल चुकी है इस मामले को उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भी प्रमुखता से उठाया था और उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पदाधिकारी स्वयं प्रभावी छात्र-छात्राओं के साथ गौलापार पुलिस चौकी एवं काठगोदाम थाने पर मुकदमा दर्ज करने के लिए पहुंचे थे,उसके बाद उन्होंने एक ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से राज्य सरकार को भी भेजा था और इसकी उच्च स्तरीय जांच करने की मांग करी थी।
अब उक्त केस में गिरफ्तार हुए आरोपी प्रकाश सिंह मेहरा निचली अदालत से जमानत पर बाहर आ चुके हैं जिसकी जानकारी जैसे ही उत्तराखंड बेरोजगार संघ को लगी तो उन्होंने अब नैनीताल हाईकोर्ट में उक्त प्रकरण को लेकर जनहित याचिका दायर करने की तैयारी की है।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा ने बताया कि वह छात्र-छात्राओं से संपर्क कर रहे हैं क्योंकि यह मामला सिर्फ धोखाधड़ी का नहीं है बल्कि पहाड़ से आने वाले युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी है,क्योंकि कॉलेज द्वारा दिए गए डिप्लोमा फर्जी है और वह कहीं भी नौकरी के लिए प्रयोग में नहीं लाए जा सकते हैं वह जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से मांग करेंगे की पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित छात्र-छात्राओं को न्याय दें।
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