रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
हल्द्वानी 8 फरवरी को बनभलपुरा स्तिथ मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन,नगर निगम,पुलिस एवम पत्रकारों पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया,जिसमें कई लोग चोटिल हुए,दंगाइयों ने बनभलपुरा थाना फूंक डाला सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर डाला।
जिसके बाद से पूरे शहर में इंटरनेट बंद कर दिया गया,कर्फ्यू के आदेश जारी कर दिए गए
हालात स्तिथ होते होते पहले तो शहर से कर्फ्यू हटाया गया और उसके बाद फिर आज से 2 दिन पूर्व हिंसा क्षेत्र से भी कर्फ्यू पूरी तरह हटा दिया गया शहर में कर्फ्यू लगने के बाद कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी की ओपीडी अचानक कम हो गई थी
बात अगर सुशीला तिवारी के मेडिसिन विभाग की करें तो कर्फ्यू के दौरान अगले एक सप्ताह तक ओपीडी में लगभग 700 मरीज पहुंचे अब कर्फ्यू समाप्त होने के बाद आज मेडिसिन विभाग की ही बात करें तो 330 से अधिक मरीजों ने ओपीडी में पहुंचकर इलाज कराया
हिंसा के दो दिन पूर्व एवम दो दिन बाद कुछ ये थी मेडिसन विभाग में मरीजों की संख्या
6 फरवरी ओपीडी मरीज 266
7 फरवरी ओपीडी मरीज 298
8 फरवरी हिंसा वाले दिन 246
9 फरवरी हिंसा के अगले दिन 93
10 फरवरी 136
सुशीला तिवारी अस्पताल की ओपीडी 3 बजे तक चलती हैं,अन्य दिनों की बात करें तो लगभग 11 बजे तक पर्चे बनाने की लाइन खत्म हो जाती हैं या चंद मरीज लाइन में दिखते थे,परंतु बात करें आज की तो पर्चें बनाने की लाइन लगभग 1:30 बजे तक लगी हुई थीं।
कुछ ऐसा ही हाल ऑर्थो ओपीडी सर्जरी विभाग में भी देखने को मिला जहां सप्ताह भर में जितने मरीज पहुंच रहे थे,2 दिन के भीतर ही उससे अधिक मरीजों ने ओपीडी में चिकित्सक को दिखाया।
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