लिवर से जुड़ी समस्याओं के शुरूआती लक्षणों की अगर पहचान की जाए तो ऐसे में लिवर से ही जुड़ी गंभीर समस्याएं होने से बचाव किया जा सकता है।
लिवर हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है, जिसका नियमित रूप से काम करना बहुत जरूरी है। लिवर को हेल्दी रखने के लिए भी रोजाना सही डाइट और नियमित रूप से शरीर को एक्टिव रखने की जरूरत होती है। लेकिन कई बार इन सब चीजों का ध्यान रखने के बावजूद भी लिवर से जुड़ी ऐसी समस्याएं होने लगती हैं, जिन्हें मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकती है और ऐसे में अपने लिवर को डैमेज होने से बचाने का एक ही तरीका है, कि उससे जुड़े लक्षणों की पहचान रखना।
दिनभर थकान रहना
वैसे तो दिनभर थकान रहना स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को संकेत हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह लिवर खराब होने का संकेत भी हो सकता है। अगर आपका लिवर डैमेज होने लगा है, तो यह दिनभर थकान होने जैसे लक्षण महसूस होने लग सकते हैं। ऐसे लक्षण महसूस होते ही एक बार जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
मांसपेशियां कमजोर पड़ना
जब लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है, तो मसल मास भी कम होने लगता है और इस कारण से मांसपेशियां भी कमजोर पड़ने लगती हैं। अगर आपके शरीर की मांसपेशियां कमजोर पड़ रही हैं, तो यह लिवर से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है और ऐसे में जल्द से जल्द इस बारे में डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
लिवर एक आसपास दर्द व सूजन
जब लिवर से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या होने लगती है, तो इस कारण से कई बार आपका लिवर अंदर से क्षतिग्रस्त होने लगता है। लिवर में क्षति होते ही उसके आसपास सूजन व अन्य समस्याएं होने लगती हैं, जिस कारण से लिवर के आसपास के हिस्से में सूजन, जलन व लालिमा जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
त्वचा में पीलापन आना
लिवर से जुड़ी बीमारियों के कारण त्वचा का रंग भी पिली पड़ने लग जाता है। अगर आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, तो इसके कारण लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता है और इस कारण त्वचा के रंग में भी बदलाव होने लगता है और इसका रंग पीला पड़ जाता है।
मल के रंग में बदलाव
अगर आपका लिवर खराब हो गया है, तो उसके कारण सिर्फ स्किन में दिक्कत ही नहीं बल्कि मल के रंग में भी कुछ बदलाव होने लगते हैं। अगर आपके मल में अचानक से बदलाव होने लगे हैं, तो यह भी खराब लिवर का ही एक संकेत हो सकता है और ऐसे में इस तरह के लक्षणों को गलती से भी इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए।