देहरादून: चार्ज सम्भालते ही प्रभारी सचिव स्वास्थ एवं एनएचएम डायरेक्टर डॉ आर राजेश कुमार (doctor r Rajesh Kumar) ने दिखाए अपने तेवर।कहा कि
निजी प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कार्यवाही होगी।
डॉ आर राजेश कुमार (Dr r Rajesh Kumar) का कहना है कि एनएचएम का मुख्य उद्देश्य आम-जनमानस को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ देना है, इसी उद्देश्य से आगामी समय में रणनीति तैयार की जाएगी।
निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार (doctor r Rajesh Kumar) की अध्यक्षता में एनएचएम सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि विभाग की यही प्राथमिकता है कि जो भी स्वास्थ्यक्रमी जिस भी क्षेत्र में तैनात है वह जनता के इलाज के लिए समय पर ततपरता से उपलब्ध रहे।
साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी जो कि अस्पतालों का औचक निरीक्षण नियमित तौर पर करती रहेगी जिससे की अस्पतालों के अधिकारियों व कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा निजी प्रैक्टिस डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
प्रभारी सचिव ने बताया की डेंगू हर तीन वर्ष में ज्यादा सक्रिय होता है इसलिए इस वर्ष डेंगू को लेकर ज्यादा सावधानी बरते डेंगू नियंत्रण व रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशाएं कार्यरत हैं जो कि घर-घर जाकर लोगों की डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जानकारी मुहैया करा रही है। डेंगू हॉट-स्पॉट की पहचान कर लोगों को डेंगू के दुष्प्रभाग व डेंगू के लार्वा के रोकथाम हेतु लोगों को बताया जा रहा है।
प्रभारी सचिव डॉ. आर राजेश कुमार (Dr r Rajesh Kumar) द्वारा बताया कि एनएचएम स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया जाएगा और हर-घर में मरीजों को घर पर ही दवाइयां मुहैया कराने की रणनीति तैयार की जा सकेगी जिससे आम-जनमानस तक बेसिक दवाइयां जिनका इलाज लम्बे समय तक चलता है वह पहुंचाई जा सके। कोविड के बढ़ते मामलों पर प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि कोविड के नए वैरिएंट आ रहे है जो कि घातक है।
हम जल्द ही शासन की कोविड के संबंध में एसओपी पुन: विभाग से जारी करेंगे किंतु प्रभारी सचिव द्वारा बल दिया गया कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर मॉस्क पहनना, सैनिटाइजर का उपयोग करना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अति अवश्यक है। सैंपलिंग के साथ-साथ कोविड पॉजिटिव मरीजों की निगरानी को सक्षम बनाने पर कार्य किया जाएगा ताकि कोविड के मामलों में कमी लायी जा सके।
मौजूदा मौनसून सीजन के चलते प्रदेश में आपदा का खतरा बना रहता है जिसको लेकर प्रभारी सचिव ने बताया राज्य एवं जिला स्तर के कंट्रोल रुम में डॉक्टर की तैनाती की जाती है किंतु स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य विभाग से भी डॉक्टर की तैनाती हर स्तर पर की जाएगी।
प्रभारी सचिव ने कहा “उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी एक बड़ी चुनौती है, जिसको लेकर एनएचएम की कोशिश रहेगी की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम-जन को समय पर मिल सके, जिसके लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है।“ साथ ही विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं हेतु आवंटित बजट को सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु उपयोग में लाया जाएगा।