देहरादून। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 में अखिल भारतीय स्तर पर 22वीं रैंक प्राप्त करने वाले उत्तराखंड के बेटे अंशुल भट्ट (IAS) ने गुरुवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, देहरादून के छात्र-छात्राओं को सफलता के मंत्र बताए। इस अवसर पर आयोजित प्रेरक वार्ता में उन्होंने युवाओं को आईएएस बनने के लिए जरूरी रणनीतियां साझा कीं।
कार्यक्रम का आयोजन एसजीआरआरयू के पटेल नगर ऑडिटोरियम में किया गया, जहाँ विश्वविद्यालय की कुलपति (प्रो.) डॉ. कुमुद सकलानी ने मुख्य वक्ता अंशुल भट्ट का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बेटा आईएएस बने, और अंशुल ने इस सपने को साकार कर दिखाया है।”
प्रेरणादायक रही अंशुल भट्ट की यात्रा
अंशुल भट्ट की शैक्षणिक यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अब तक उत्तराखंड के 10 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की है, जिनमें पौड़ी, हरिद्वार, रुड़की, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर शामिल हैं। 12वीं कक्षा में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की, जहाँ वे कई छात्र प्रतिनिधित्व पदों पर रहे।
सीमित संसाधनों में भी सफलता संभव: अंशुल
अंशुल ने छात्रों को बताया कि सीमित संसाधन कभी भी सफलता की राह में बाधा नहीं बनते। उन्होंने कहा कि “यह जरूरी नहीं कि आप केवल दिल्ली या मेट्रो शहर में रहकर ही UPSC की तैयारी करें, गांवों से भी लक्ष्य निर्धारित कर यह मुकाम पाया जा सकता है।” उन्होंने अपने बचपन के स्कूल, पौड़ी कंडोलिया की यादें भी साझा कीं।
सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिए महत्वपूर्ण टिप्स
अंशुल भट्ट ने UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
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पाठ्यक्रम की सीमाओं को समझें और उसी के अनुसार तैयारी करें।
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प्रत्येक विषय के महत्वपूर्ण टॉपिक के संक्षिप्त नोट्स बनाएं।
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शॉर्टकट से बचें और विषयवस्तु को गहराई से पढ़ें।
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विविध स्रोतों से अध्ययन कर विषय की समझ को व्यापक बनाएं।
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स्वामी विवेकानंद के विचार हमेशा उनके प्रेरणास्रोत रहे हैं।
उन्होंने कहा, “सफलता प्राप्त करने के बाद भी मैं खुद को आज भी एक आकांक्षी मानता हूँ।”
छात्रों के सवालों का सहजता से दिया जवाब
कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने करियर से जुड़ी जिज्ञासाओं को लेकर अंशुल भट्ट से सवाल किए, जिनका उन्होंने बहुत सहजता और स्पष्टता से जवाब दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्रेया कोटनाला ने किया जबकि इसे सफल बनाने में सिमरन अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर डॉ. जे.पी. पचौरी (सलाहकार माननीय प्रेसीडेंट), डॉ. लोकेश गंभीर (कुलसचिव), डॉ. मालविका कांडपाल, डॉ. आर.पी. सिंह, डॉ. द्वारिका प्रसाद मैठाणी, विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।