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कमल जगाती, नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पौड़ी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में नियमों के विरुद्ध चल रहे स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगे जाने पर न्यायालय ने इसे स्वीकार करते हुए 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले, न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।
ग्रामीणों को हो रही परेशानियां
याचिकाकर्ता शैलेन्द्र कुमार उनियाल, जो कि पौड़ी जिले के निवासी हैं, ने उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि भूमि समतलीकरण की आड़ में नियमों को दरकिनार कर एक निजी व्यक्ति को स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दे दी गई। याचिका में कहा गया है कि यह स्टोन क्रशर गांव और वन भूमि के बेहद करीब है, जिससे ग्रामीणों को लगातार वायु प्रदूषण और डंपरों की आवाजाही के कारण खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीप चंद्र जोशी ने बताया कि डंपरों की आवाजाही से गांव की सड़कों पर गड्ढे बन गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने मांग की है कि कीर्तिनगर के समीप स्थापित इस अवैध स्टोन क्रशर को तत्काल हटाया जाए, ताकि स्थानीय ग्रामीणों को राहत मिल सके।
अब देखना होगा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करता है या नहीं।