काशीपुर। भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशों में बसने का सिलसिला लगातार तेज होता जा रहा है। वर्ष 2011 से 2023 के बीच कुल 18.79 लाख भारतीय नागरिकों ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी। यह खुलासा काशीपुर निवासी RTI कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) द्वारा विदेश मंत्रालय से प्राप्त सूचना में हुआ है।
RTI में मिली आधिकारिक जानकारी
RTI कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने विदेश मंत्रालय से पिछले वर्षों में भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या की जानकारी मांगी थी।
इसके जवाब में मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी एवं अवर सचिव तरुण कुमार ने राज्यसभा में पूछे गए प्रश्नों के आधिकारिक उत्तर का लिंक उपलब्ध कराया।
लिंक से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 13 वर्षों में भारतीय नागरिकता छोड़ने का यह ट्रेंड लगातार बढ़ता दिख रहा है––विशेष रूप से पिछले दो वर्ष सबसे अधिक रहे।
किस वर्ष कितने भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता?
(2011–2023 का आधिकारिक डेटा)
- 2011: 1,22,819
- 2012: 1,20,923
- 2013: 1,31,405
- 2014: 1,29,328
- 2015: 1,31,489
- 2016: 1,41,603
- 2017: 1,33,049
- 2018: 1,34,561
- 2019: 1,44,017
- 2020: 85,256 (सबसे कम)
- 2021: 1,63,370
- 2022: 2,25,620 (13 सालों में सबसे अधिक)
- 2023: 2,16,219
कुल नागरिकता त्यागने वाले: 18,79,159
2022 और 2023 बने रिकॉर्ड वर्ष
विदेश मंत्रालय के मुताबिक
- 2022 में 2.25 लाख
- 2023 में 2.16 लाख
भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ी—ये आंकड़े पिछले 13 वर्षों के उच्चतम स्तर हैं।
कौन-कौन से देशों में बस रहे भारतीय?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोग दुनिया के 135 देशों की नागरिकता ले चुके हैं। इनमें पड़ोसी देशों से लेकर दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियाँ भी शामिल हैं।
पड़ोसी देश
- नेपाल
- बांग्लादेश
- म्यांमार
- पाकिस्तान
- श्रीलंका
विकसित देश (Developed Nations)
- अमेरिका (USA)
- ब्रिटेन (UK)
- जर्मनी
- फ्रांस
- इटली
- जापान
- रूस
- चीन
आर्थिक रूप से समृद्ध/अन्य प्रमुख देश
- सऊदी अरब
- कतर
- ओमान
- तुर्की
- मलेशिया
- मालदीव
- इराक
- ईरान
- जम्बिया
- केन्या
- कज़ाकिस्तान
- दक्षिण अफ्रीका
- सूडान
भारत छोड़कर विदेश क्यों जा रहे भारतीय?
विशेषज्ञों के अनुसार नागरिकता छोड़ने के पीछे प्रमुख कारण हो सकते हैं—
- बेहतर रोजगार अवसर
- उच्च शिक्षा
- स्थिर आर्थिक माहौल
- बिजनेस फ्रेंडली पॉलिसीज
- बेहतर जीवन स्तर
- ग्लोबल मोबिलिटी
हालाँकि RTI में इन कारणों का डेटा शामिल नहीं है, परंतु ट्रेंड यह दर्शाता है कि विदेश जाने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है।
RTI से प्राप्त यह जानकारी बताती है कि बीते एक दशक में भारतीय नागरिकता छोड़ने का ट्रेंड लगातार ऊपर की ओर है। विशेषकर 2022 और 2023 में नागरिकता त्यागने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची।
135 देशों में नागरिकता ग्रहण कर चुके ये लोग अब वैश्विक भारतीय समुदाय का हिस्सा बन चुके हैं।













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