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घटनाक्रम : जंगल में शिकार के बहाने पहुंचा हादसा
पुलिस जांच के मुताबिक, 20 अगस्त की रात मृतक जितेंद्र अपने दो साथियों—भगवान सिंह और सौरभ खंडूरी—के साथ बंदूक लेकर जंगल की ओर गया था। वापसी के दौरान रास्ते में जितेंद्र ने अचानक अपने दोस्त को मोबाइल का पासवर्ड भेजते हुए मैसेज किया—“मुझे माफ कर देना, मैं जा रहा हूं”—और ट्रिगर दबाकर खुद को गोली मार ली। मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
घटनास्थल से बंदूक, छर्रे, ब्लड सैंपल और अन्य साक्ष्य पुलिस ने बरामद किए। एफएसएल टीम की जांच में भी मृतक के हाथों पर गन पाउडर की पुष्टि हुई।
सुसाइड वीडियो से खुला राज
मृतक जितेंद्र ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर एक सुसाइड वीडियो भी अपलोड किया था। जांच में मृतक के फोन से 6 अगस्त और 18 अगस्त के दो और सुसाइड वीडियो मिले हैं, जिनमें उसने साफ कहा है कि वह आर्थिक परेशानियों और पैसे डूब जाने के कारण आत्महत्या करने का मन बना चुका है।
प्रॉपर्टी डील से जुड़ा विवाद
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक जितेंद्र और आरोपी हिमांशु चमोली प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। दोनों के बीच रानीपोखरी क्षेत्र में 3.5 बीघा भूमि की डील हुई थी। इसके लिए मृतक ने हिमांशु को लगभग ₹35 लाख का भुगतान किया था।
आरोप है कि हिमांशु ने न तो जमीन का सेटलमेंट किया और न ही पैसे वापस लौटाए। मृतक के बार-बार फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। यही कारण था कि जितेंद्र मानसिक तनाव में आकर टूट गया और आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
गिरफ्तारी और कोर्ट में पेशी
पुलिस ने जब मृतक के मोबाइल चैट, वीडियो और बैंक डिटेल की जांच की तो आरोपों की पुष्टि हुई। पूछताछ में हिमांशु ने भी प्रॉपर्टी डील का मामला कबूला और स्वीकार किया कि दोनों के बीच सेटलमेंट नहीं हो पाया।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी हिमांशु चमोली पुत्र जे.पी. चमोली, निवासी कैलाश कुंज, भानियावाला डोईवाला, जनपद देहरादून को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है। जमीन से जुड़े दस्तावेज, बैंक लेन-देन और अन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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