कर्णप्रयाग ब्लॉक के जयपुर कोल्सों क्षेत्र से एक बेहद चिंताजनक वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। वीडियो में स्कूली बच्चे कैमरे के सामने अपने अनुभव बताते हुए साफ़ कह रहे हैं कि वे तीन भालुओं के सामने से बाल-बाल बचकर भागे।
यह घटना बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
दो दिन पहले भी हुआ था ऐसा ही हमला
बताया जा रहा है कि इससे पहले नौली क्षेत्र के बच्चों का भी भालुओं से सामना हुआ था। लगातार हो रही इन घटनाओं ने इलाके में डर का माहौल बना दिया है।
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अब सुबह स्कूल जाना भी बच्चों के लिए सीधा जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।
भालू हाइबरनेशन से पहले पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ रहा खतरा
वन विभाग के अनुसार, जब तक पहाड़ों में बर्फबारी शुरू नहीं होती और भालू हाइबरनेशन (शीतनिद्रा) में नहीं चले जाते, तब तक पहाड़ी इलाकों में उनका मूवमेंट काफी बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों और ग्रामीणों के सामने हमलों का खतरा भी स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
स्थानीयों की मांग: स्कूल फिलहाल बंद किए जाएं
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि:
- भालुओं की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए
- और लगातार बच्चों के हमलों से बचने की घटनाओं के बाद
स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने पर गंभीरता से विचार किया जाए।
लोगों का कहना है कि बच्चों की जान से बढ़कर कुछ नहीं।
इस समय सिर्फ एक ही संदेश मायने रखता है—
“बचेगा इंडिया, तभी पढ़ेगा इंडिया”
प्रशासनिक हस्तक्षेप की तात्कालिक जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग और जिला प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए, जिनमें शामिल हैं:
- संवेदनशील मार्गों पर पेट्रोलिंग
- भालू मूवमेंट ज़ोन की पहचान
- बच्चों के लिए सुरक्षित मार्ग या वाहन व्यवस्था
- स्कूल समय में बदलाव
लोगों से अपील
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि इस मुद्दे को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि यह आवाज़ सरकार और उच्च प्रशासन तक पहुँचे।













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