देहरादून, 17 मार्च: देहरादून स्थित लच्छीवाला टोल प्लाजा की मनमानी और यात्रियों से अधिक शुल्क वसूली के खिलाफ राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को टोल प्लाजा से जुड़ी समस्याओं को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड के यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाला जा रहा है, जिसे तुरंत कम किया जाना चाहिए।
12 किलोमीटर यात्रा पर 37 किमी का टोल शुल्क!
शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि गढ़वाल के छह जिलों से आने वाले यात्रियों को केवल 12 किलोमीटर टोल रोड का उपयोग करने के बावजूद पूरी 37 किलोमीटर की दूरी का शुल्क देना पड़ रहा है। यह यात्रियों के साथ अन्याय है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस शुल्क को दो-तिहाई तक कम किया जाए ताकि स्थानीय यात्रियों को राहत मिल सके।
स्थानीय यात्रियों और वाहनों के लिए पास की व्यवस्था हो
उन्होंने सुझाव दिया कि पर्वतीय जिलों से आने वाले प्राइवेट और कॉमर्शियल वाहनों के लिए उपयुक्त पास बनाए जाएं, ताकि उन्हें बार-बार भारी टोल न देना पड़े। साथ ही, टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए निशुल्क पास जारी किए जाएं। सेमवाल ने कहा कि पहले ऐसे पास दिए जाते थे, लेकिन अब नए वाहनों को इस सुविधा से वंचित कर दिया गया है।
टोल कर्मचारियों के वेतन में कटौती पर रोष
टोल प्लाजा कर्मचारियों के शोषण पर भी सेमवाल ने चिंता जताई। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर दी गई है, जबकि महंगाई और सरकारी राजस्व लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की कि कर्मचारियों के वेतन में तत्काल बढ़ोतरी की जाए।
आंदोलन की चेतावनी, सरकार को होगा राजस्व नुकसान
शिवप्रसाद सेमवाल ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो टोल प्लाजा के खिलाफ उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा और इसे हटाने की मांग तेज की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अनदेखी की तो यात्री भोपालपानी और मोथरोवाला के वैकल्पिक मार्गों का उपयोग शुरू कर देंगे, जिससे सरकार के राजस्व को भी नुकसान होगा।
सेमवाल ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही इस मामले को संज्ञान में लेगी और आवश्यक कदम उठाएगी।