रिपोर्ट: अनुज शर्मा
उत्तराखंड के प्राचीन धार्मिक स्थल लाखामंडल में इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर विशेष रूप से उन महिलाओं ने व्रत रखा, जिन्हें संतान सुख की प्राप्ति की इच्छा थी। मान्यता है कि यदि ऐसी महिलाएं इस मंदिर में व्रत रखकर पूरी रात दीपक के सामने बैठती हैं, तो भगवान भोलेनाथ उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं।
पिछले वर्ष 42 महिलाओं ने इस मंदिर में व्रत रखकर रात गुजारी थी, और उनकी संतान प्राप्ति की मनोकामनाएं पूर्ण हुईं। इस वर्ष भी कई महिलाओं ने इस परंपरा का पालन किया और भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रात्रि जागरण किया।
लाखामंडल: आस्था, इतिहास और चमत्कारी शिवलिंग
लाखामंडल एक प्राचीन धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जहां कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। यहां पर लाखों शिवलिंगों की स्थापना की गई है, जिनमें से एक पारदर्शी शिवलिंग भी है। इस विशेष शिवलिंग में जल अर्पण करने पर स्वयं की छवि प्रतिबिंबित होती है, जिसे भक्त चमत्कारी मानते हैं।
यह स्थान महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और यहां स्थित पांडवों की गुफा “लाक्षागृह” के नाम से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कौरवों ने पांडवों को मारने के लिए यहां लाक्षागृह (मोम का महल) बनवाया था, लेकिन वे यहां से सुरक्षित निकल गए थे। इसके अलावा, यहां एक प्राचीन पानी का कुआं भी स्थित है, जिसका संबंध पांडवों से बताया जाता है।
पर्यटन विकास की जरूरत: सुविधाओं का अभाव
लाखामंडल उत्तराखंड में स्थित एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जो जौनसार-बावर क्षेत्र का केंद्र बिंदु माना जाता है। यह स्थान एक कमल के फूल की भांति यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ 12 महीने देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
शिव मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष बाबूराम शर्मा का कहना है कि लाखामंडल में हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन सरकार द्वारा पर्यटकों के लिए कोई उचित सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। यहां रेन बसेरा, बारात घर, यात्री विश्रामगृह जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रुकने और ठहरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
शिव भक्तों और स्थानीय लोगों की सरकार से मांग है कि इस ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल के विकास पर ध्यान दिया जाए और यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे यह स्थान पर्यटन के लिहाज से और अधिक विकसित हो सके।
अरुण बहुगुणा (मुख्य पुजारी)
श्याम लाल बहुगुणा
शिवम शर्मा (पंडित)
नितिन बहुगुणा
बिटू भट्ट
नीतू भट्ट
पंकज शर्मा
प्रदीप बहुगुणा
अंकित गौर
अनुज शर्मा
ऋतिक गौर
शुभम शर्मा