अरबन बैंक घोटाले में दोषियों को 5-5 साल की सजा
दोषियों पर 10 हजार का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया
एक आरोपी को न्यायलय ने दोषमुक्त मानते हुये रिहा किया
देहरादून: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिनाष श्रीवास्तव की अदालत ने दोषियों को अरबन कोपरेटिव बैंक में हुए एक घोटाले के मामले में 5-5 साल की सजा के साथ 10 हजार का जुर्माना लगाया है।
अभियोजन अधिकारी संगीता रानी और सहायक अभियोजन अधिकारी सीमा ने बताया कि पुरानी टिहरी में स्थित रहे अरबन कोपरेटिव बैंक में हुए एक घोटाले के मामले में चार लोगों को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चार लोगों को दोषी करार दिया है। न्यायलय ने सीबीसीआईडी की ओर से की गई जांच में मामले में चार्ज सीट में आशय प्रस्तुत किया गया, कि कुछ लोगों इस बैंक में जमानत धनराशि फर्जी रूप से निकाली। जबकि वास्तविक खातेधारकों को अपनी जमा की गई धनराशि की निकाली के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सीबीसीआईडी ने इस मामले में जांच की तथा बैंक में कार्यरत आर सेमवाल व अन्य लोगों में भगवान सिंह रौथांण, आशुतोष, रमेश गुनसोला व पुष्पाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 120 बी, 471 व 420 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। न्यायलय में सीबीसीआईडी ने वास्तविक खातेधारक और अन्य गवाह पेश किये। पुष्पपाल के खिलाफ कोई सबूत साबित न होने पर रिहा किया गया। जबकि अन्य तत्कालीन बैंक कर्मियों को न्यायलय ने दोषी पाया और सभी को 5-5 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना लगाया।