देहरादून: उत्तराखंड में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी के मामले में सीबीसीआईडी की एसआईटी ने 55 शिक्षकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी कर रहे सरकारी शिक्षक जल्द ही जेल जा सकते है। एसआईटी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अब तक 85 शिक्षकों के खिलाफ 76 मुकदमे दर्ज करा चुकी हैं। 127 शिक्षकों के खिलाफ जांच रिपोर्ट निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भेजी जा चुकी है। जिन शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी ने कार्रवाई की है, वो सभी साल 2012-2016 के बीच नियुक्त हुए हैं
आपको बता दे कि 2012 से 2016 तक नियुक्त बेसिक शिक्षा के अध्यापकों की भर्ती मामले में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया। इस मामले में शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई थी, जिस पर 2017 से जांच पड़ताल कर कार्रवाई जारी है।
अभीतक एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें आई. एसआईटी 9,602 शिकायतों के सापेक्ष 64,641 अभिलेख व दस्तावेजों में 38,738 दस्तावेज सत्यापित कर चुकी है।जबकि अभी 25,903 अभिलेख जांच पड़ताल में सत्यापन होने शेष है।
इस केस में एसआईटी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल आरोपियों शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन करना है. क्योंकि एसआईटी आरोपियों शिक्षकों की डिग्रियों के लिए जब देश के अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं और यूनिवर्सिटी से रिकॉर्ड मांग रही है तो वो आनाकानी कर रहे है. वहीं संस्थान तो इसके लिए फीस भी मांग रहे हैं, जो एसआईटी ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भेज रही है. बावजूद इसके कुछ शिक्षण संस्थान एसआईटी को स्पोर्ट नहीं कर रहे है।
कुछ ऐसे भी संस्थान है जो पत्राचार के बिना दस्तावेजों के सत्यापन का जवाब ही नहीं दे रहे है. सीबीसीआईडी एसपी लोकजीत सिंह के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ लगातार जांच-पड़ताल की कार्रवाई जारी है।
ऐसे में अब जल्द ही सीबीसीआईडी की टीमें अलग-अलग राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के कई शिक्षण संस्थानों में जाकर दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर सत्यापन की कार्रवाई करेगी।
जिलेवार शिक्षकों पर दर्ज मुकदमें
मुकदमों की संख्या
- हरिद्वार -36
- देहरादून -04
- रुद्रप्रयाग -25
- पौड़ी गढ़वाल-01
- उधमसिंह नगर-04
- अल्मोड़ा- 01
- पिथौरागढ़-01
Discussion about this post