देहरादून: किसानों के सत्यापन की सटीक व्यवस्था न होने के चलते किसान निधि के तहत मृतकों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पैसे डाले जा रहे है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही इस कदर बढ़ गई है कि उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा 300 ऐसे लोगों के खातों में डाला जो पहले ही मर चुके हैं। अब विभाग मृतकों के परिजनों से वसूली करने में जुटा हुआ है।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खातों में साल में तीन किस्तों में दो-दो हजार यानी कुल छह हजार रुपये डाले जाते हैं। सम्मान निधि का लाभ ले रहे कई लाभर्थियों की मौत के बावजूद परिजनों ने कृषि विभाग को इसकी जानकारी नहीं दी। न ही संबंधित विभाग ने इसके बारे में किसी तरह का संज्ञान लेने की जरूरत समझी इसके चलते मृतकों के खातों में लंबे समय से किसान सम्मान निधि की किस्त आती रही है।
मामला अल्मोड़ा जिले का है जहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अल्मोड़ा जिले में करीब 1,14,037 लाभार्थी चिह्नित किये गए थे। पिछले साल जांच के बाद सामने आया था कि उत्तराखंड में विभिन्न अपात्र लोग किसान सम्मान निधि पा रहे हैं। अल्मोड़ा जिले में ऐसे लोगों की संख्या 2459 पायी गई।
अब कृषि विभाग की जांच में मामला सामने आया कि जिले में अब तक ऐसे 300 लोग चिह्नित किए जा चुके हैं, जिनके खातों में मौत के बाद किसान सम्मान निधि डाली गई है। विभिन्न अपात्र लोगों के साथ-साथ अब ऐसे केसों में कृषि विभाग ने परिजनों से वसूली शुरू कर दी है।कृषि विभाग मृतकों के खाते बंद कर उनके परिजनों से वसूली करने में जुटा है।
किसान सम्मान निधि वितरित करने वाले विभागों के पास किसानों के सत्यापन की कोई सटीक व्यवस्था न होने के चलते सम्मान निधि वितरण में यह गड़बड़ घोटाला हो रहा है जहां एक और अपात्र लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं वहीं दूसरी ओर तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक संबंधित विभागों की लापरवाही भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार है।