ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
होने को तो चुनाव लोकसभा का हैं लेकिन स्टार प्रचारक जहां भी प्रचार के लिए जाते हैं वहा की भाषा बोली पहनावा ओढ़कर जनता से जुड़ने का प्रयास करते नजर आते हैं।
लेकिन स्थानीय मुद्दे यह कहकर टाल दिए जाते हैं की चुनाव केंद्र सरकार का हैं।
ऐसा ही एक मुद्दा उत्तराखंड में राजधानी गैरसैंण का हैं,गैरसैंण राजधानी उन सभी आंदोलनकारियों का सपना रहा जिन्होंने एक अलग पहाड़ी राज्य की मांग कर न सिर्फ मांगा बल्कि इसके लिए आंदोलन करते हुए अपनी आबरू सहित प्राण तक इसके लिए न्योछावर कर दिए।
लेकिन गैरसैंण राजधानी चाहे विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव हमेशा चुनावी मुद्दों से गैर ही नजर आई हैं,किसी भी मंच से इसकी आवाज नहीं सुनाई देती,भाजपा कांग्रेस मोदी राहुल आदि आवाजों में राज्य के शहीद आंदोलनकारियों का सपना राजधानी गैरसैंण गैर ही हो जाता हैं।
सवाल यह हैं की क्या आज भी उत्तराखंड में क्या राज्य के मुद्दों को ध्यान में रखकर कोई चुनाव होता भी हैं या जैसा राष्ट्रीय पार्टियों के नेता चाहे उन मुद्दों को उठाकर चुनाव हो जाते हैं।
राज्य की तमाम खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहिए उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट से,खबरों के लिए संपर्क करें +917505446477,+919258656798
Discussion about this post