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पौड़ी जिले के जिन विद्यालयों में गड़बड़ी के आरोप हैं, उनमें —
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अशासकीय इण्टर कॉलेज डांगीधार
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अशासकीय इण्टर कॉलेज जखेटी
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अशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटागढ़
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इण्टर कॉलेज गढ़कोट मांडलू — शामिल हैं।
आरोप है कि इन संस्थानों में मोटी रकम लेकर लिपिक पद पर नियुक्तियां की गईं, फर्जी जाति प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल हुआ और कई नियुक्तियां नियमविरुद्ध की गईं।
मुख्यमंत्री के आदेश को किया गया नजरअंदाज
वर्ष 2022 में मामला सामने आने के बाद शिकायतकर्ता राजेश सिंह राजा कोली ने मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल एसआईटी जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन उप सचिव विभूति रंजन ने प्रबंधकों के दबाव में जांच की दिशा बदलते हुए एक समिति गठित कर दी। इससे मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब दोबारा शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने सीबीसीआईडी को जांच सौंपी है। वहीं, विभूति रंजन की भूमिका पर भी सीधा संदेह जताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
पूर्व में भी दोषी पाए गए थे प्रबंधक
गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी, महावीर सिंह बिष्ट और वरिष्ठ अधिकारी वीरेंद्र सिंह पहले ही अपनी जांच में चारों इंटर कॉलेज के प्रबंधकों को दोषी करार दे चुके हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया था कि भर्ती प्रक्रिया में घोर अनियमितता की गई थी।
अब देखना होगा कि सीएम धामी के सीबीसीआईडी जांच के आदेशों के बाद इस बड़े भर्ती घोटाले का क्या अंजाम होता है और विभूति रंजन पर क्या कार्रवाई होती है।












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