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देहरादून। उत्तराखंड के माणा क्षेत्र में आए हिमस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब तक कुल 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जिनमें से 17 श्रमिकों को शनिवार सुबह बचाया गया और सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस पूरे अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत कार्यों की समीक्षा की।
लापता श्रमिकों की खोज के लिए तेज हुआ अभियान
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि अभी 5 श्रमिक लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें लगातार प्रयासरत हैं। खोजबीन में आर्मी के स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है, और दिल्ली से ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार (GPR) मंगवाई गई है, जिससे बर्फ के नीचे दबे कंटेनरों का पता लगाने में सहायता मिलेगी।
बचाव कार्य की सीधे मॉनीटरिंग कर रहे हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (यूएसडीएमए) पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस अभियान की जानकारी ले रहे हैं और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
बर्फबारी से बढ़ा खतरा, श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि क्षेत्र में भारी बर्फबारी हो रही है और 6-7 फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है। ऐसे में आगामी हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए उन्होंने सभी श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, आपदा प्रबंधन विभाग को एडवाइजरी जारी करने को कहा गया है।
संचार और बिजली बहाली पर जोर
बर्फबारी के कारण बदरीनाथ और आसपास के गांवों का संपर्क कट गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द संचार सेवाओं को बहाल किया जाए। जिन क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क बाधित हैं, वहां सैटेलाइट फोन भेजे जाएंगे और क्विक डिप्लॉयमेंट एंटीना (QDA) का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, बिजली आपूर्ति को भी जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
औली और हर्षिल में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जाएगा
औली, हर्षिल और अन्य ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों में बर्फबारी के कारण हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से अगले तीन दिनों तक यात्रा न करने की अपील की है और स्थानीय प्रशासन को सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
अलकनंदा नदी का निरीक्षण करने के आदेश
भारी बर्फबारी के चलते अलकनंदा नदी जमने लगी है, जिससे संभावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ टीमों को इलाके की रेकी करने और जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी कई एजेंसियां
इस राहत और बचाव अभियान में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और वायुसेना की टीमें लगातार काम कर रही हैं। माणा में आर्मी बेस कैंप के पास हेलीपैड को तैयार कर लिया गया है, जबकि बद्रीनाथ में 6-7 फीट बर्फ हटाने का कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन विभाग समन्वय स्थापित कर युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। पूरे अभियान की मॉनिटरिंग राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से की जा रही है। लापता श्रमिकों की तलाश और राहत कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए सभी एजेंसियां पूरी निष्ठा से जुटी हुई हैं