देहरादून। मातावाला बाग विवाद को लेकर शनिवार को एसएसपी कार्यालय में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता एसपी सिटी प्रमोद कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने की। मध्यस्थता के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी, जिसके अनुसार कोर्ट के आदेश तक मातावाला बाग में बिना अनुमति प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
कोर्ट में मामला विचाराधीन, फिलहाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा प्रवेश
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जब तक माननीय न्यायालय का कोई अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक बाहरी व्यक्तियों को मातावाला बाग में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, बाग में संचालित अखाड़े में भी प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
दरबार साहिब के पास रहेगा अखाड़े का स्वामित्व
बैठक में पहले पक्ष ने भी यह स्वीकार किया कि मातावाला बाग एवं वहां संचालित अखाड़ा श्री गुरु राम राय दरबार साहिब की संपत्ति है, और इसका संचालन एवं स्वामित्व अधिकार दरबार साहिब के पास ही रहेगा।
प्रैक्टिशनर पहलवानों के लिए ढूंढी जाएगी नई जगह
बैठक में तय हुआ कि अखाड़े में अभ्यास करने वाले पहलवानों के लिए किसी अन्य स्थान की व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में 5 दिन बाद दरबार साहिब प्रबंधन समिति अपनी रायशुमारी के बाद नया स्थान उपलब्ध कराएगी, जिस पर पहले पक्ष ने भी सहमति जताई।
आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट होंगी हटाई
बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि पहले पक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर दरबार साहिब और पूजनीय श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। इस पर पहले पक्ष ने सहमति जताई कि वे 30 मिनट के भीतर ऐसी सभी टिप्पणियों को सोशल मीडिया से हटा देंगे।
सैर के लिए अनुमति पास अनिवार्य
हालांकि आमजन के लिए सैर पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, लेकिन श्री दरबार साहिब प्रबंधन समिति से आधार कार्ड व संबंधित दस्तावेजों के आधार पर पास लेना अनिवार्य होगा। पास धारकों को निर्धारित समय पर ही सैर की अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में भी कुछ वरिष्ठ नागरिक इसी प्रक्रिया के तहत सैर कर रहे हैं।
पेड़ों की संख्या की सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी
मातावाला बाग में वर्तमान में मौजूद पेड़ों की नंबरिंग पूरी हो चुकी है, और इसका डेटा वन विभाग के पास भी उपलब्ध है। तय किया गया कि पेड़ों की संख्या से संबंधित एक सूचना बोर्ड मातावाला बाग के प्रवेश द्वार पर लगाया जाएगा।
निष्कर्ष:
एसएसपी कार्यालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद अब मातावाला बाग विवाद को लेकर स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। सभी गतिविधियां कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप संचालित होंगी और दोनों पक्षों ने शांति व सहमति से समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया है।