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देहरादून। उत्तराखंड को दिव्यांगजनों के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सौगात मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा और जिलाधिकारी सविन बसंल के प्रयासों से राज्य का पहला आधुनिक बहुउद्देश्यीय दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (Modern Divyang Rehabilitation Centre in Uttarakhand) अब गांधी शताब्दी चिकित्सालय में शुरू किया गया है।
दिव्यांगजनों के लिए एकीकृत सेवाएं – सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे
इस केंद्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अब दिव्यांगजन को अलग-अलग स्थानों पर भटकना नहीं पड़ेगा।
केंद्र में उपलब्ध सेवाएं:
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दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्माण (Disability Certificate in Dehradun)
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आधार कार्ड बनाने व अपडेट करने की सुविधा
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कृत्रिम अंग (Artificial Limbs for Divyang)
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सहायक उपकरण (Wheelchair, Tricycle, Hearing Aid Distribution in Uttarakhand)
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फिजियोथेरेपी और ऑक्युपेशनल थेरेपी
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मनोवैज्ञानिक व सामाजिक परामर्श
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व्यावसायिक व कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training for Divyang)
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रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की सुविधा
जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, दिए विशेष निर्देश
जिलाधिकारी सविन बसंल ने आज केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि:
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फिजियोथेरेपी के लिए अलग स्थान बनाया जाए।
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केंद्र का विस्तारीकरण कर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
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केंद्र में आने-जाने के लिए अलग रास्ता और पार्किंग की व्यवस्था हो।
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दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु पीआरडी कर्मियों की नियुक्ति की जाए।
हर हफ्ते आधार कार्ड सेवा – रजिस्ट्रेशन और वेटिंग रूम भी तैयार
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि हर मंगलवार और बुधवार को आधार मशीन के साथ एक्सपर्ट कार्मिक केंद्र पर मौजूद रहेंगे, ताकि दिव्यांगजन आसानी से आधार कार्ड बनवा या अपडेट कर सकें। इसके लिए पंजीकरण कक्ष और वेटिंग रूम भी बनाया गया है।
बहु-विषयी विशेषज्ञ टीम करेगी दिव्यांगजनों का समग्र पुनर्वास
यह केंद्र Multi-Disciplinary Approach पर आधारित होगा। इसमें फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और काउंसलर की विशेषज्ञ टीम कार्य करेगी।
इससे दिव्यांगजन को प्रमाणन से लेकर पुनर्वास, शिक्षा, मनोवैज्ञानिक सहयोग और रोजगार तक की सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी।
समाज कल्याण विभाग करेगा संचालन
केंद्र का संचालन समाज कल्याण विभाग के अधीन होगा। केंद्र में 14 पद स्वीकृत हैं, जिनका वेतन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
पूर्व में यह डीडीआरसी केंद्र हरबर्टपुर से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर संचालित था और एक सब-सेंटर सनातन धर्म कन्या इंटर कॉलेज, राजा रोड पर चलता था। अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं होने के कारण दिव्यांगजनों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब सभी सेवाओं को एक ही जगह लाकर यह समस्या खत्म कर दी गई है।
दिव्यांगजन होंगे आत्मनिर्भर
केंद्र से न केवल सहायक उपकरणों का वितरण होगा, बल्कि दिव्यांगजनों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही उन्हें यूडीआईडी कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
कार्यक्रम में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनु जैन, प्रमोद कुमार, राजीव सब्बरवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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