मुख्यमंत्री की प्रेरणा से गाँव-शहर तक पहुँचा ‘नंदा-सुनंदा’ प्रोजेक्ट
उत्तराखंड के देहरादून जिले में जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा चलाया जा रहा “नंदा-सुनंदा प्रोजेक्ट” अब बेटियों के उज्जवल भविष्य का पर्याय बन चुका है। मुख्यमंत्री की प्रेरणा और सहयोग से यह योजना अब ग्रामीण क्षेत्रों तक भी प्रभावशाली रूप से पहुँच रही है।
अब तक 12 लाख की सहायता से 38 बालिकाओं की पढ़ाई पुनर्जीवित
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक 12 लाख रुपये की धनराशि से 38 बालिकाओं की शिक्षा को पुनः शुरू कराया गया है। यह प्रोजेक्ट असहाय, संकटग्रस्त और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
आज 5 नई बालिकाएं बनीं ‘नंदा-सुनंदा’, फिर शुरू हुई पढ़ाई
24 मई 2025 को, पाँच नई बालिकाओं को ‘नंदा-सुनंदा’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत चेक वितरित किए गए:
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अभिलाषा (बीएससी नर्सिंग) – ₹8,725 (बिना माता-पिता की बेटी, विकासखंड सहसपुर)
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पीहू चौहान (कक्षा 8) – ₹15,950 (विधवा मां की बेटी, विकासखंड कालसी)
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अक्षिता – ₹14,400 (विधवा मां की बेटी, विकासखंड डोईवाला)
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विशाखा (कक्षा 6) – ₹10,700 (विधवा मां की बेटी)
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आराध्या (कक्षा 8) – ₹38,200 (असहाय परिवार की बेटी)
नंदा-सुनंदा: बेटियों के सपनों को उड़ान देने वाली योजना
डीएम सविन बंसल ने कहा कि Project Nanda Sunanda न केवल एक सामाजिक योजना है बल्कि यह मानव मूल्यों का भी प्रतीक है। इस पहल के माध्यम से उन बेटियों की शिक्षा को पुनर्जीवित किया जा रहा है, जिनकी पढ़ाई पारिवारिक कारणों से बाधित हो रही थी।
शिक्षा से ही संभव है बेटियों का सशक्तिकरण
डीएम ने बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आप अपनी पढ़ाई की चमक को बनाए रखें, जिला प्रशासन आपका साथ हमेशा देगा।” उन्होंने कहा कि education is the most powerful weapon—दुनिया का कोई भी हथियार शिक्षा से बड़ा नहीं है।
अभिभावकों से अनुरोध: बेटियों की पढ़ाई न छुड़वाएं
डीएम ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में बेटियों की पढ़ाई बीच में न रोकें। “नंदा-सुनंदा” स्कीम का उद्देश्य ही यही है कि कोई भी बेटी शिक्षा से वंचित न रह जाए।
ज़िला प्रशासन की टीम का सराहनीय कार्य
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, संयुक्त मजिस्ट्रेट हर्षिता सिंह, डॉ. ममता बहुगुणा (PCPNDT नोडल अधिकारी), जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार, और जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
निष्कर्ष
‘नंदा-सुनंदा योजना’ उत्तराखंड में Girls Empowerment through Education का एक प्रभावशाली मॉडल बन चुकी है। डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में यह प्रयास भविष्य में और भी बेटियों की तकदीर बदलने की क्षमता रखता है।