देहरादून के दो हाईवे सेक्शनों के सुधार को मिली 720.67 करोड़ की मंज़ूरी,सड़क एवं परिवहन मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट कर दी जानकारी
रिपोर्ट: कार्तिक उपाध्याय
NH-7 और NH-34 पर बनेगा ग्रेड सेपरेशन, सर्विस रोड से सुरक्षित होगी यात्रा; चारधाम मार्गों को भी मिलेगा लाभ
देहरादून | 10 जून 2025
उत्तराखंड में सड़क ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। देहरादून जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-7 (NH-7) और राष्ट्रीय राजमार्ग-34 (NH-34) के कुल 36.82 किलोमीटर लंबे दो महत्वपूर्ण सेक्शनों के सुधार कार्यों को 720.67 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृति दी गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिए दी।
किस हिस्से में होगा काम?
इस परियोजना के तहत दो मुख्य सेक्शनों को कवर किया जाएगा:
NH-7: देहरादून – लाल टप्पर – नेपाली फार्म
NH-34: नेपाली फार्म – मोतीचूर
इन दोनों हिस्सों में लगातार बढ़ते ट्रैफिक और दुर्घटनाओं के जोखिम को देखते हुए यह सुधार कार्य अति आवश्यक माना जा रहा था।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
ग्रेड सेपरेशन: प्रमुख चौराहों पर फ्लाईओवर या अंडरपास का निर्माण होगा ताकि क्रॉस ट्रैफिक से बचा जा सके।
सर्विस रोड: स्थानीय यातायात के लिए अलग लेन बनाई जाएगी जिससे हाईवे पर चलने वाले वाहनों को बाधा न हो।
बेहतर कनेक्टिविटी: देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच तेज़ और सुरक्षित यात्रा।
चारधाम यात्रा को लाभ: यह मार्ग चारधाम यात्रा के लिए प्रमुख संपर्क मार्गों में से एक है।
सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कही ये बात
परियोजना की स्वीकृति की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा:
“यह परियोजना उत्तराखंड के लिए विकास और सुरक्षा दोनों के लिहाज़ से एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत हम देश के हर कोने को बेहतर, सुरक्षित और तेज़ कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
स्थानीय लोगों और यात्रियों को राहत
स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और चारधाम यात्रियों के लिए यह परियोजना उम्मीद की एक नई किरण है। खराब सड़कों, जाम और दुर्घटनाओं से जूझते इस मार्ग पर सुधार कार्य लंबे समय से लंबित था।
निर्माण कार्य कब शुरू होगा?
फिलहाल परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। जल्दी ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और निर्माण कार्य की समय-सीमा तय की जाएगी। अनुमान है कि वर्ष 2026 तक इसका पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा।
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में बेहतर सड़कें केवल यातायात की सुविधा नहीं, बल्कि विकास, पर्यटन और सुरक्षा की रीढ़ होती हैं। NH-7 और NH-34 पर यह सुधार कार्य राज्य के भविष्य को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है.