उत्तराखंड के 6000 से अधिक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सौगात देगी सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या-57/05/2021 दिनांक-03 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था को उत्तराखण्ड राज्य में लागू किये जाने के सम्बन्ध में ।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या-57/05/2021, दिनांक-03 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था के क्रम में उत्तराखण्ड राज्य के समस्त राजकीय विभागों में दिनांक 01 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विज्ञापित/अधिसूचित पदों पर चयनित कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित किये जाने का विकल्प दिया जाना प्रस्तावित है।
उत्तराखंड कैबिनेट का फैसला, छह हजार से ज्यादा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सौगातकेंद्र सरकार ने मार्च माह में कटऑफ डेट तक भर्तियों के विज्ञापन से चुने गए कर्मचारियों को नई के बजाए पुरानी पेंशन का लाभ दिया है। इसी के आधार पर राज्य सरकार ने भी निर्णय लिया है
उत्तराखंड के 6000 से अधिक कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन की सौगात देगी। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। इसके तहत राज्य में एक अक्तूबर 2005 से पहले जिनकी भर्ती के विज्ञापन, अधिसूचना जारी हो चुकी है, वे पुरानी पेंशन का लाभ ले सकते हैं।
केंद्र सरकार ने मार्च माह में कटऑफ डेट तक भर्तियों के विज्ञापन से चुने गए कर्मचारियों को नई के बजाए पुरानी पेंशन का लाभ दिया है। इसी के आधार पर राज्य सरकार ने भी निर्णय लिया है। इसके तहत राज्य में एक अक्तूबर 2005 को नई पेंशन योजना लागू हुई थी।
इससे पहले जितने भी विज्ञापन निकले होंगे, उनसे नौकरी पाने वाले करीब 6000 कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प देगी। प्रदेश में 67,557 सेवारत कर्मचारी ऐसे हैं जो पुरानी पेंशन के अंतर्गत आते हैं। 1,35,556 पेंशनर पर सरकार हर साल 6000 करोड़ खर्च कर रही है। 90,247 सेवारत कर्मचारी ऐसे हैं जो नई पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। इन पर सरकार सालाना 815 करोड़ खर्च कर रही है। नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले 4342 कर्मचारी अभी तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
संगठनों ने जताया आभार
कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली की सौगात देने के कैबिनेट के फैसले का पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने स्वागत किया है। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि वे लंबे समय से इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का हक देने की मांग करते आ रहे हैं। सरकार ने इस दिशा में जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है। अब प्रदेश के बाकी कर्मचारियों को भी सरकार पुरानी पेंशन का हक दे। वहीं, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने भी सरकार के कदम का स्वागत किया।