उत्तरकाशी। यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल के भाई एवं बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल को दबंगई दिखाना भारी पड़ गया। महाशिवरात्रि के दिन बड़कोट पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पालिका अध्यक्ष पर एक स्थानीय युवक पर जानलेवा हमले का आरोप है। इसी के चलते बड़कोट पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 109 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। अभियुक्तों को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पुरोला मीनाक्षी शर्मा की अदालत में पेश किया गया, जहां से उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें टिहरी जेल भेजने का आदेश दिया गया।
क्या है मामला?
मंगलवार देर रात बड़कोट पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, प्रवीन रावत नामक युवक देहरादून से नौगांव-बैगासू होते हुए अपने साथियों के साथ बड़कोट आ रहा था। इस दौरान उसने 112 हेल्पलाइन पर फोन कर यमुनोत्री विधायक के भाई और बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल द्वारा रात में यमुना नदी में अवैध खनन किए जाने की सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचे। तभी पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल अपने समर्थकों के साथ वहां आ गए और पुलिस से पोकलैंड मशीन की चाबी छीन ली। उन्होंने अपने ड्राइवर को आदेश दिया कि मशीन को निकालकर ले जाओ और पुलिस से जो बन पड़े, कर लेने दो।
इसके बाद, आरोप है कि विनोद डोभाल ने प्रवीन रावत और उसके साथियों को ढूंढ निकाला और जान से मारने की नीयत से उनकी गाड़ी को तीन-चार बार टक्कर मारी। प्रवीन रावत ने दावा किया कि उनके वाहन को पहाड़ी से धक्का देने की साजिश थी, लेकिन उन्होंने सूझबूझ से वाहन को पहाड़ की तरफ मोड़ दिया। पुलिस ने बीच-बचाव किया, जिसके बाद पालिका अध्यक्ष अपने साथियों के साथ फरार हो गए।
न्यायालय ने भेजा जेल
थानाध्यक्ष बड़कोट दीपक कठैत ने बताया कि प्रवीन रावत की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 109 के तहत नगरपालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल और उनके सहयोगी अंकित रमोला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को पुरोला न्यायालय में पेश किया, जहां से मजिस्ट्रेट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया।
शपथ ग्रहण के 20 दिन बाद ही गिरफ्तार!
नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल ने 20 दिन पहले ही शपथ ग्रहण किया था, लेकिन इस घटना ने उनके कार्यकाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता के बीच इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। जनप्रतिनिधि होने के बावजूद इस तरह की हरकत जनता के विश्वास को तोड़ने वाली कही जा रही है।