देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले एक अहम फैसले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचायती राज अधिनियम 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को विचलन (विशेष अधिकार) के तहत मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के तहत अब 25 जुलाई 2019 से पहले जिन उम्मीदवारों की दो से अधिक जीवित संतानें हैं, वे भी पंचायत चुनाव लड़ने के पात्र होंगे।
इसके साथ ही सरकार ने एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों को मानते हुए पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने का निर्णय भी लिया है।
प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का परिसीमन पिछले वर्ष ही पूरा किया जा चुका है। इसके अंतर्गत प्रदेश में कुल 55635 ग्राम पंचायत वार्ड, 7505 ग्राम पंचायतें, 2936 क्षेत्र पंचायतें और 343 जिला पंचायतें बनाई गई हैं, जिनमें चुनाव कराए जाने हैं।
हालांकि, तय समय पर चुनाव न होने के कारण सरकार ने वर्तमान ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों के जनप्रतिनिधियों को प्रशासक नियुक्त किया है। अब इनके कार्यकाल की समाप्ति और आगामी चुनावों से पहले एक्ट में संशोधन आवश्यक था, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने जानकारी दी कि यह प्रस्ताव पहले कैबिनेट बैठक में आना था, लेकिन कुछ कारणों से नहीं आ पाया। अब मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को राजभवन भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।