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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तीन साल के कार्यकाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई चिट्ठी केवल एक औपचारिक पत्र नहीं, बल्कि एक अहम राजनीतिक संकेत भी है। यह उन अटकलों और कयासों पर सीधा जवाब है, जो राज्य की राजनीतिक स्थिरता को लेकर लगाए जा रहे थे। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को इस तरह व्यक्तिगत पत्र लिखकर न केवल उनके नेतृत्व की सराहना की, बल्कि सरकार की निरंतरता का भी स्पष्ट संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने “सेवा, सुशासन और विकास” की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने इस दशक को “उत्तराखंड का दशक” बताते हुए राज्य की समृद्धि और प्रगति की प्रशंसा की। यह शब्द महज औपचारिक नहीं हैं, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने हैं।
राजनीतिक अटकलों के बीच पीएम की चिट्ठी का प्रभाव
पिछले कुछ समय से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल तेज थी। भाजपा के ही कुछ नेताओं और सांसदों के बयानों ने अस्थिरता के कयासों को हवा दी थी। कुछ बयानों ने माहौल को गरमा दिया, जिससे यह चर्चा तेज हो गई कि क्या राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका तैयार हो रही है? इस बीच दिल्ली तक राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई, और शक्ति प्रदर्शन की गुप्त बैठकों की खबरें भी सामने आईं।
हालांकि, मुख्यमंत्री धामी ने इन सभी अटकलों के बावजूद संयम बनाए रखा और अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया। ऐसे में 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री की चिट्ठी का सार्वजनिक होना इन अटकलों पर विराम लगाने जैसा था। इस पत्र ने स्पष्ट संकेत दिया कि मुख्यमंत्री धामी को पार्टी नेतृत्व का पूरा समर्थन प्राप्त है।
धामी सरकार ने 23 मार्च को अपने तीन साल पूरे किए, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से यह चिट्ठी 29 मार्च को जारी हुई और फिर 1 अप्रैल को सार्वजनिक की गई। यह समयसीमा महज संयोग नहीं लगती, बल्कि एक रणनीतिक संदेश के रूप में देखी जा सकती है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा नेतृत्व मुख्यमंत्री धामी के कार्यों से संतुष्ट है और राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है।
पीएम मोदी का धामी पर भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई मौकों पर मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा कर चुके हैं। अपने उत्तराखंड प्रवास के दौरान उन्होंने धामी को ‘छोटा भाई’ और ‘ऊर्जावान’ मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया था। उनके इस संबोधन के पीछे भी एक गहरा राजनीतिक संदेश था। जब मुख्यमंत्री धामी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे, तो उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए उनकी पीठ थपथपाकर प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली और उनके फैसलों को केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व का मजबूत समर्थन मिला है। समान नागरिक संहिता (UCC) के मसौदे को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय हो या 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का फैसला— धामी सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जो राज्य के विकास को नई दिशा दे सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इन निर्णयों की खुलकर सराहना कर चुके हैं।
सियासी बयानबाजियों पर लगा विराम
प्रधानमंत्री मोदी की यह चिट्ठी केवल एक बधाई संदेश नहीं, बल्कि सरकार की स्थिरता का ऐलान भी है। यह साफ संकेत है कि भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व से पूरी तरह संतुष्ट है और निकट भविष्य में राज्य की राजनीति में किसी बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री धामी को राज्य की कमान सौंपने के फैसले पर पार्टी नेतृत्व पूरी तरह अडिग है। इस पत्र ने राजनीतिक बयानबाजियों को विराम देते हुए धामी सरकार की स्थिरता को और मजबूत किया है।
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