ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड वैसे तो कर्ज में डूबा हुआ राज्य हैं जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार आदि की जटिल परेशानियों के बिच जीवन यापन कर रही हैं,कहीं जनता के लिए एंबुलेंस नहीं तो कही गर्भ में शिशु की मृत्यु,जिंदा व्यक्ति को चार कंधे में मरे हुए व्यक्ति की तरह लाया जाता हैं क्योंकि सरकार बजट के अभाव में सड़क नही बना पा रही,समय समय पर उत्तराखंड का हर विभाग बजट की समस्या का रोना रोता हैं।
इसी दौरान गैरसैंण में देहरादून की सुख सुविधाओं को छोड़कर तीन दिनों के लिए पहुंचे उत्तराखंड के विधायकों ने पहले ही दिन सदन में विधेयक लाकर अपने वेतन भत्तों में बड़ोत्तरी कर ली हैं,साथ ही जिस कैशलैश इलाज और बड़े अस्पतालों में फ्री इलाज की व्यवस्था कर ली हैं।
अब जैसे ही यह खबर आज के अखबार की सुर्खियां बनी तो राज्य की जनता ने उस अखबार की कटिंग लेकर राज्य के मुख्यमंत्री सहित तमाम विधायकों को बधाई देना शुरू कर दिया हैं सोसल मीडिया यूजर्स इस पर अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहें हैं….
फेसबुक यूजर्स युवा पहाड़ी सूरज सोनू ने लिखा ….
आम जनता के tax का पैसा इन विधायको की सुख सुविधा में लगेगा,आम गरीब जनता को क्या मिलेगा 5किलो मुफ्त राशन😢😢।।
इनका इलाज भी इनके विधानसभा छेत्र के उन सरकारी अस्पतालो से शुरू होना चाहिए,जो रेफर सेंटर बन चुके हैं।
जहां स्वास्थ्य उपकरणों और डॉक्टरों का अभाव है!!!
जो अस्पताल पहाड़ की भोली भाली गरीब जनता के लिए लाइफलाइन है फिर उसके बावजूद भी स्वाथय व्यव्वस्थाओ के लचर होने के कारण आए दिन गर्भवती महिलाएं,नवजात शिशु,बुजुर्ग के लिए जान लेवा हो चुके हैं या फिर रेफर सेंटर बन चुके हैं।।😢😢
लुसुन तोडरिया ने लिखा वाह पहाड़ में सत्र करके क्या क्रांतिकारी फैसला लिया है । भू कानून मूल निवास स्थायी राजधानी,बेरोजगारी कोई मुद्दे थोड़ी न है । सबसे जरूरी मुद्दा तो विद्यायकों के भत्ते है । पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल कैसे भी हो,जनप्रतिनिधियों को कैशलेश इलाज और विदेश में उपचार की सुविधा बेहद जरूरी है ।
वहीं भू कानून मूल निवास संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने लिखा….
कुछ तो शर्म करो माननीयों…
लाखों में तनख्वाह बढ़ाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, पक्ष-विपक्ष के विधायकों को शर्म नहीं आती। यहां हमारे पहाड़ के हजारों युवा बेरोजगार हैं, हजारों पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार युवाओं को सरकारी नौकरियां दे नही रही है और ना अन्य रोजगार के अवसर बना रही है। लाखों पढ़े-लिखे युवा रोजगार की आस में पलायन कर रहे हैं।
तमाशे के लिए 3 दिन का गैरसैंण का विधानसभा सत्र आयोजित किया गया। पहला दिन श्रृद्धांजलि देकर खत्म कर दिया। दूसरे दिन के सत्र में विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने का प्रस्ताव पारित होगा और तीसरे दिन सब माननीय अपनी लाखों की महंगी-महंगी गाड़ियों और हेलीकाप्टर से देहरादून चले जायेंगे। किस बात की तनख्वाह चाहिए इन विधायकों को ? साल में 12 दिन तो ढंग से विधानसभा चलती नही है और ना ये कुछ करते हैं। इनकी किस बात की तनख्वाह और भत्ते बढ़ाए जाएं, जितनी मिलती है ये इसके भी काबिल नहीं हैं।
क्या भाजपा, क्या कांग्रेस, क्या अन्य दल के विधायक। इन्हें शर्म नही आती लाखों की तनख्वाह लेते हुए। कुछ तो शर्म करो माननीयों…
शोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर गिरीश जोशी नाम के यूजर्स ने लिखा जब सबकुछ अपने और अपनी नेता बिरादरी के लिए ही करना था तो इसके लिए #Gairsain #गैरसैंण में ड्रामा करने की क्या ज़रूरत थी @pushkardhami???
ये तो नकली राजधानी #Dehradun से ही कर देते!
मोदी जी का दूर का पड़ोसी नाम के ट्वीटर हैंडल से पोस्ट किया गया धन्यवाद @pushkardhami जी उत्तराखण्ड की जनता को उपहार देने के लिए। आपका हर एक उत्तराखंडी ये अहसान कभी नहीं भूलेगा #गैरसैंण #Gairsain #Dhami #Dehradun
लगातार इसके बाद सोशल मीडिया एक युवा व्यंग्य करते हुए बधाई दे रहें हैं लोगो ने उत्तराखंड के विधायकों को सबसे कमजोर आर्थिक वर्ग करार दिया है,सरकार द्वारा विधायकों के वेतन बढ़ाए जाने पर अब नेता जमकर ट्रोल किए जा रहें हैं।
विधेयक के अनुसार अब विधायकों को प्रतिमाह 30000 हजार रुपए का पेट्रोल मिला करेगा,सभी बड़े अस्पतालों में विधायकों के इलाज के लिए निशुल्क सुविधा होगी,साथ ही कैशलेश इलाज विधायकों को मिलेगा।