प्यार जंग और राजनीति में सबकुछ संभव हैं,आशुतोष नेगी यूकेडी से लड़ेंगे चुनाव
उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट ब्यूरो……………..
कहावत थी प्यार और जंग में सब कुछ जायज है “Everything is possible in Love and War“
लेकिन आज की बात करें तो हालात कुछ बदल गए हैं आज,प्यार और जंग के साथ अब राजनीति में भी कुछ भी संभव है “Everything is possible in Love,War And Politics
जागो उत्तराखंड के संपादक और अंकिता को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन कर रहें आशुतोष नेगी उत्तराखंड क्रांति दल से पौड़ी लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे,अचानक आई इस खबर से अब पौड़ी की राजनीति में फिर हलचल शुरू हो गई हैं।
क्योंकि कुछ दिन पहले ही आशुतोष नेगी के जेल जाने के दौरान यह खबर आ रही थी कि अंकिता की माता जी पौड़ी लोकसभा से चुनाव लड़ेंगी और आज अचानक उत्तराखंड क्रांति दल से आशुतोष नेगी के चुनाव लड़ने की खबर सामने आई।
अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सड़क से अब सांसद जाने की कोशिश में आशुतोष नेगी…..
आशुतोष नेगी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे थे अब उन्होंने अंकिता की न्याय की आवाज संसद में उठाने का मन बनाया हैं,अब देखना यह होगा कि आशुतोष नेगी का पौड़ी की जनता कितना साथ देती हैं।
जनता जिसे नकार चुकी क्या उस उत्तराखंड क्रांति दल को आशुतोष नेगी के मिलने से राजनीतिक मजबूती मिलेगी?
आपको बता दे कि अंकिता हत्याकांड में न्याय की लड़ाई लगातार लड़ने से आशुतोष नेगी मजबूत चेहरा राज्य का बन चुके हैं,लेकिन सवाल उक्रांद के साथ हमेशा यह जुड़ा रहा हैं कि उक्रांद का शीर्ष नेतृत्व युवा चेहरों को पार्टी में अधिक दिन नहीं जोड़ पाते हैं,पूर्व में यह देखा भी जा चुका हैं।
त्रिवेंद्र सरकार में जेल जाने के बाद शिव प्रसाद सेमवाल ने भी पत्रकारिता संगठनों के दावित्वों को त्याग उक्रांद का बैनर थामा था,जिसके बाद कुछ समय उक्रांद में युवाओं को फिर एक बार भविष्य नजर आने लगा था,शिव प्रसाद सेमवाल के लिए उक्रांद से जुड़े कई युवा केंद्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग करने लगे थे,कांग्रेस भाजपा से विमुख युवाओं को सेमवाल के साथ उक्रांद का भविष्य नजर आने लगा था,लेकिन सेमवाल को भी उक्रांद अधिक समय नहीं पचा पाया,ऐसा लग रहा था कि सेमवाल की लोकप्रियता उक्रांद शीर्ष की राजनीतिक महत्वकांशों पर चोट कर रहीं हैं,सेमवाल ने यूकेडी छोड़ दी और नई राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का गठन कर दिया,हालांकि यूकेडी छोड़ने से पहले उक्रांद के दरवाजे युवाओं के लिए सेमवाल ने ही खोले,बंद कमरे से तय हो रहें उक्रांद के अध्यक्ष को चुनाव कराकर तय करने का कारण सेमवाल ही हैं।
जिससे भविष्य में राजनीतिक महत्कांशी युवा उक्रांद के शीर्ष पदों के लिए दावेदारी कर पाएंगे।
अब आशुतोष नेगी के यूकेडी से चुनाव लड़ने के कारण राज्य की राजनीतिक चर्चाओं से दूर हो चुकी यूकेडी फिर चुनावी समय में चर्चा का विषय बन रही हैं,लेकिन उक्रांद से नागरिक की विमुखता आशुतोष नेगी को कितना सहयोग कर पाएगी चिंता का विषय हैं,क्योंकि उक्रांद से विमुखता का प्रमुख कारण भाजपा कांग्रेस की सहयोगी होना माना जाता हैं।
अब देखना यह होगा कि यूकेडी से चुनाव के लिए आशुतोष नेगी के आवेदन के बाद यूकेडी टिकट की घोषणा कब तक करती हैं इसका इंतजार हैं।
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