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सोलापुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। प्रसव के चंद दिन पहले एक 9 महीने की गर्भवती महिला ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह दर्दनाक घटना सांगोला तालुका के गायगव्हान इलाके की है, जहां रुक्मिणी सूरज टकले ने अपने घर में लोहे की एंगल से फांसी लगा ली।
रुक्मिणी की डिलीवरी की तारीख 29 अप्रैल तय थी। घर में खुशी का माहौल था, सभी एक नन्हे मेहमान के स्वागत की तैयारियों में लगे थे। लेकिन इस बीच सोमवार दोपहर ऐसी घटना घटी जिसने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
आत्महत्या से पहले रुक्मिणी ने एक भावुक चिट्ठी छोड़ी। सुसाइड नोट में लिखा था – “मुझे माफ करना, मुझमें कोई भी अच्छा गुण नहीं है।”
उसकी यह आखिरी पंक्तियाँ परिवार और समाज के कई सवालों को जन्म दे गईं हैं। आखिर वह कौन सी मजबूरी थी जिसने एक जीवनदायिनी मां को आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर दिया?
परिजनों ने जब दोपहर करीब 3 बजे रुक्मिणी को खाने के लिए आवाज दी, तो कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की का शीशा तोड़कर जब अंदर झांका गया तो सबके होश उड़ गए — रुक्मिणी फंदे पर झूल रही थी।
सूचना मिलते ही सांगोला पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सांगोला ग्रामीण अस्पताल भेजा गया। मृतका के पति सूरज सीताराम टकले के बयान के आधार पर पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस हर पहलू से जांच में जुटी हुई है।
गर्भवती महिला की आत्महत्या की यह घटना न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे इलाके को गमगीन कर गई है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या रुक्मिणी घरेलू तनाव का शिकार थी, या फिर वह अंदर ही अंदर किसी गहरे अवसाद से जूझ रही थी?
फिलहाल पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार है, लेकिन इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।