देहरादून, जिला कार्यालय परिसर में प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा के 10वें संस्करण का आयोजन किया गया, जिसमें गरीब, अनाथ और असहाय बालिकाओं को उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई। मुख्य अतिथि राजपुर विधायक खजान दास और जिलाधिकारी सविन बंसल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए 32 बालिकाओं को 13 लाख रुपये की सहायता राशि के चेक वितरित किए।
वंचित बालिकाएं ही वास्तविक नंदा-सुनंदा देवियां: डीएम

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि हमारा समाज जब तक असहाय और निर्धन बेटियों की शिक्षा को पुनर्जीवित नहीं करेगा, तब तक सशक्त समाज निर्माण संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि—
“हमारे जीवन की वास्तविक नंदा-सुनंदा ये बालिकाएं ही हैं। लक्ष्य पर ध्यान रखें, मेहनत करें, किसी न किसी मोड़ पर सहयोग अवश्य मिलता है।”
डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में संचालित इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवित की जा चुकी है, और उन पर करीब 32 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
मुख्य अतिथि खजान दास ने की पहल की सराहना

राजपुर विधायक खजान दास ने प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा को अभिनव और जनहितकारी पहल बताया।
उन्होंने कहा कि—
“जब कार्य सराहनीय हों तो सराहना होना ही चाहिए। डीएम सविन बंसल जनहित के कार्यों को समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।”
उन्होंने बालिकाओं को प्रेरित किया कि वे अपनी शिक्षा और सपनों की दिशा में आगे बढ़ें और अपनी रुचि को कम न होने दें।
शिक्षा पुनर्जीवन: सफलता की दिशा में बड़ा कदम

प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा का मुख्य उद्देश्य उन बालिकाओं की सहायता करना है, जो—
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निर्धनता
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अनाथत्व
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आर्थिक तंगी
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या सामाजिक कठिनाइयों
के कारण बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो गई थीं।
कार्यक्रम में आज पुनर्जीवित हुई 32 बालिकाओं में—
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31 स्कूल की छात्राएं
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1 कॉलेज की छात्रा
शामिल रहीं।
डीएम ने अभिभावकों से की अपील

डीएम सविन बंसल ने अभिभावकों से अपील की—
“अपनी बेटियों की पढ़ाई में रुचि कभी न घटने दें। उन्हें आगे बढ़ाने में हर संभव सहयोग करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा ही जीवन में आगे बढ़ने का सबसे बड़ा हथियार है, और बेटियों को अपनी इच्छा-शक्ति और सपनों को हमेशा जीवित रखना चाहिए।
कार्यक्रम में मौजूद रहे अधिकारी
कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे—
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एसडीएम कुमकुम जोशी
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एसडीएम अपूर्वा सिंह
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जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार
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जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट
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प्रोजेक्ट के अंतर्गत लाभान्वित बालिकाएं और उनके अभिभावक










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