ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर एक बार अपने सोसल मीडिया से एक पोस्ट कर एक नई चर्चा को जन्म दे दिया हैं,उत्तराखंड में चार धाम यात्रा प्रतिवर्ष 6 माह चलती हैं और इस बीच देश भर से करोड़ों श्रद्धालु यात्रा में शामिल होते हैं।
लेकिन इस बीच मानसून का महीना पूरी यात्रा पर अल्पविराम लगा देता हैं,साथ ही इन दिनों जो भक्त यहां आते हैं उनकी जान पर भी खतरा बना हुआ रहता हैं,केदारनाथ की एक आपदा जो अब हर मानसून में पुराने जख्मों को याद दिलाते हुए रूह कांपती हैं,तो इस वर्ष भी फिलहाल आपदा के कारण यात्रा रुकी हैं।
अब ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए ज्योतिष पीठ के पूज्य शंकराचार्य सहित चारो धामों के पंडा पुजारियों हक हकुकधारियों धर्माचार्यों अधिकारियों और राजनेताओं से विचार विमर्श करने का अनुरोध किया हैं की क्या राज्य में होने वाली चार धाम यात्रा को वर्षभर संचालित किया जा सके।
हालांकि ये हो पाना इतना आसान नहीं हैं क्योंकि राज्य में होने वाली इस यात्रा के अपने विधि विधान और नियम हैं,और शायद इसलिए ही हरदा ने अपनी पोस्ट में पहले धर्माचार्यों और शंकराचार्यों को ही लिखा हैं,क्योंकि ये आस्था से जुड़ा विषय है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा..
#ज्योतिष_पीठ के परम पूज्यनीय शंकराचार्य जी, चारों धामों के धर्माचार्यों, पंडा पुजारियों, हक़ हकूकधारियों, राज्य की यात्रा व्यवस्था से जुड़े हुए प्रमुख अधिकारियों और राजनेताओं को मिल बैठकर इस बात पर गंभीरता से विचार विमर्श करना चाहिए कि क्या हम चारधाम यात्रा को वर्ष भर संचालित कर सकते हैं ? हमारी सड़कें वर्षा काल से शीतकाल में ज्यादा सुरक्षित हैं। चारधाम यात्रा को लेकर जो प्रारंभिक मारामारी और उसके बाद आज भी यात्रा मार्ग में सन्नाटा पसरा हुआ है, इन दोनों का समाधान मेरी विचार के चारधाम यात्रा का वर्ष भर संचालन है। हमने 2014-15 में यह पर्याय प्रारंभ किया था, उस समय हमारा उद्देश्य देश और दुनिया को यह बताना था कि हम आपदा के प्रभाव से उभर गए हैं और अब हम वर्ष भर यात्रा के संचालन के लिए सक्षम हैं। आज जब कोई ऐसी स्थिति नहीं है तो हम विशुद्ध रूप से यात्रियों की सुविधा, व्यवस्थापकों की सुविधा और मार्ग सुविधाओं के अर्थाटन को ध्यान में रखकर ऐसा निर्णय ले सकते हैं। यदि आपको मेरा यह विचार ठीक लग रहा हो तो कृपया इस विमर्श को आगे बढ़ाइये।
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अब इस के बाद राज्य के भीतर अव्यवस्थाओं के बीच चलने वाली इस यात्रा को लेकर एक नई चर्चा का जन्म हो चुका हैं देखना होगा ये चर्चा किस दिशा में आगे बढ़ती हैं।
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