दिनांक 16 अप्रैल 2025 को ग्राम सभा मोख तल्ला के अंतर्गत चांचड़ी, चकलाखेत मल्ला बारों के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी महोदय को जूनियर हाईस्कूल मोख बारों से मल्ला बारों तक मोटर मार्ग निर्माण के संबंध में ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी समस्या से अवगत कराते हुए स्पष्ट रूप से जिलाधिकारी को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि 15 दिन के भीतर मोटर मार्ग के संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे उग्र आंदोलन के साथ-साथ आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
ग्राम प्रधान सुमेर सिंह नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य ओमप्रकाश, तथा सरपंच पंकज कुमार ने भी ग्रामीणों की इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामसभा की 70% आबादी को लंबे समय तक बिना सड़क के नहीं रखा जा सकता। यदि प्रशासन द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे भी ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस संघर्ष में शामिल होंगे।
पूर्व प्रधान केवल सिंह नेगी, हुकमी राम, और स्मृति देवी ने भी शासन-प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे भी ग्रामीणों के साथ मिलकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है कि जब 70% आबादी को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा जाएगा, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
सामाजिक कार्यकर्ता चरण सिंह नेगी ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों और राज्य निर्माण के 25 वर्षों के बाद भी यदि इतनी बड़ी आबादी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है, तो यह आमजन के अधिकारों पर सीधा हमला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता अंकेश भंडारी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता के अधिकारों को दबाया नहीं जा सकता। यदि जनता को ऐसे ही वंचित रखा गया, तो उसे सड़कों पर उतरने से कोई नहीं रोक सकता, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन को उठानी होगी।
पवन सिलकोटी का कहना था कि ग्रामसभा की 70% आबादी को उनके जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रखा जा सकता। सरकारी तंत्र की धीमी गति और अधिकारियों की लापरवाही इस विफलता को उजागर करती है। यदि हालात यूं ही रहे तो जनता को सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना ही पड़ेगा।
सड़क संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुलप सिंह भंडारी ने चेतावनी दी कि यह अभी सिर्फ एक संकेत है। यदि 15 दिन के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो न सिर्फ पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा, बल्कि व्यापक जनांदोलन भी शुरू किया जाएगा। यह लड़ाई हमारे अधिकारों की है, और लोकतंत्र में किसी को यह अधिकार नहीं कि वह हमें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखे। हम यह लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
इस मौके पर महेंद्र भंडारी, प्रदीप भंडारी, सुभाष कुमार, मीनाक्षी देवी, सुनीता देवी, रुकमा देवी, हेमा देवी, रमेशचंद्र तिवारी, हुकम सिंह भंडारी, गोविंद सिंह भंडारी, दिनेश लाला, पूजा देवी, अभिषेक भंडारी सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।