देहरादून: उत्तराखंड में रुड़की क्षेत्र के पिरान कलियर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान सात माह की गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
मामले को लेकर गुस्साए महिला के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा कर दिया।
बता दे कि मौके से अस्पताल का पूरा स्टाफ भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि गर्भवती महिला नाजिया पत्नी अब्दुल मालिक निवासी बेड़पुर की तबीयत खराब होने पर परिजन सोमवार शाम को कलियर के बेड़पुर चौक स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए थे। महिला सात माह की गर्भवती थी। आरोप है कि तबीयत खराब होने पर भी महिला को देखने के लिए अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं आया। अस्पताल के स्टाफ ने महिला को दर्द के इंजेक्शन लगाए।
परिजनों का आरोप है कि महिला दर्द से तड़पती रही और अस्पताल स्टाफ इंजेक्शन लगाता रहा। मंगलवार सुबह तक भी कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। उसके बाद महिला की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। ओर थोड़ी देर में महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई।
इसके बाद महिला के परिजन और रिश्तेदारों ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा।
हंगामा होता देख अस्पताल का स्टाफ मौके से फरार हो गया। सूचना पर एसओ मनोहर भंडारी, इमलीखेड़ा चौकी प्रभारी नरेंद्र सिंह फोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाकर शांत किया। एसओ मनोहर भंडारी ने बताया कि पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, सीएमओ कुमार खगेंद्र का कहना है कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई हैं। शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।