देहरादून। लंबे समय से चल रहे एसजीआरआर इंटर कॉलेज भोगपुर (SGRR Inter College Bhogpur) की खेल भूमि से जुड़े विवाद में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कॉलेज प्रबंधन के पक्ष में निर्णय दिया है। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ऋषिकेश की अदालत ने पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों और दलीलों को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि विवादित भूमि का स्वामित्व और संचालन श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज भोगपुर के पास ही रहेगा।
1950 में शिक्षा के उद्देश्य से दान में मिली थी जमीन
वर्ष 1950 में श्री गुरु राम राय दरबार साहिब ने ग्रामीण और निर्धन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से भोगपुर में यह विद्यालय स्थापित किया था। उस समय प्रेमदत्त रतूड़ी के पूर्वजों ने 11.5 बीघा भूमि विद्यालय को दान दी थी, जिस पर वर्षों से स्कूल का खेल मैदान संचालित हो रहा है। यह मैदान करीब 75 वर्षों से छात्रों की खेलकूद और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
पूर्व डीजीपी ने किया कब्जे का प्रयास, कोर्ट में गया मामला
विवाद उस समय शुरू हुआ जब पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी ने कथित रूप से भू-माफियाओं के साथ मिलकर इस भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस पर विद्यालय प्रबंधन और श्री दरबार साहिब की संगत ने कड़ा विरोध किया और मामला न्यायालय में पहुंचा। सुनवाई के दौरान एसजीआरआर प्रबंधन ने सभी वैध दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए। अदालत ने पाया कि रतूड़ी पक्ष के दावे निराधार हैं और उन्हें खारिज कर दिया गया।
अदालत का फैसला: खेल भूमि एसजीआरआर संस्था के अधिकार में रहेगी
कोर्ट के इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि खेल मैदान का स्वामित्व और संचालन अब पूरी तरह से एसजीआरआर इंटर कॉलेज भोगपुर के पास रहेगा। फैसले के बाद विद्यालय प्रबंधन ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अब भी भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए आमजन को सत्य तथ्यों पर भरोसा करना चाहिए।
फैसला शिक्षा और न्याय की जीत का प्रतीक
यह निर्णय न केवल एक शिक्षा संस्थान की प्रतिष्ठा की रक्षा करता है, बल्कि समाज में न्याय और सत्य की जीत का भी प्रतीक है। स्थानीय लोगों, छात्रों और शिक्षकों में फैसले के बाद खुशी का माहौल है।












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