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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

March 8, 2025
in Uttarakhand
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल
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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

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देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

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महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम: मातृशक्ति को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण को सम्मानित करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

मातृशक्ति को सम्मान और सशक्तिकरण का संदेश

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण पर बल दिया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस केवल महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए ‘मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति’ को लागू किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिलाओं के योगदान का सम्मान

कुलसचिव प्रो. लोकेश गंभीर ने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन उन संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने समाज में महिलाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने विश्वविद्यालय में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा, शोध, प्रशासन और नवाचार के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है।

मुख्य अतिथि सोनिका रावत ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोनिका रावत, जो हिमालयन एनवायर्नमेंट एंड लाइफ फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यटन, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में, वे पौड़ी गढ़वाल के अपने पैतृक गांव में स्थानीय समुदायों के साथ काम कर रही हैं, जहाँ वे हर्बल अगरबत्ती, बायोडिग्रेडेबल फ्लावर पॉट, स्थानीय जड़ी-बूटियों से बने हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. जे.पी. पचैरी को वूमेन डेवलपमेंट सेल की चेयरपर्सन प्रो. मालविका सती कांडपाल द्वारा सम्मानित किया गया। प्रो. मालविका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए एनसीसी की छात्राओं ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता

विशिष्ट अतिथि डॉ. आकृति गुप्ता, जो श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर की प्रभारी हैं, ने महिला स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला ही एक मजबूत परिवार और समृद्ध समाज की नींव रख सकती है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. डॉ. लोकेश गंभीर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि समाज में समानता, सशक्तिकरण और महिलाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी साबित हुआ।

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