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मातावाला बाग के नाम पर भड़काया जा रहा धार्मिक उन्माद, संगतों में उबाल
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की ऐतिहासिक धरोहर दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज एक गहरी साजिश का शिकार बनता दिख रहा है। दरबार साहिब प्रबंधन ने खुलासा किया है कि कुछ असामाजिक तत्व — विशेषकर अमन श्वेडिया और उनके सहयोगी — मातावाला बाग को लेकर भ्रम और वैमनस्य फैलाकर दरबार साहिब की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रेस वार्ता में खुली साजिश की परतें
गुरुवार को प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में दरबार साहिब प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि कैसे मातावाला बाग की ज़मीन पर कब्जा करने की नाकाम कोशिशों के बाद अब इन तत्वों ने धार्मिक भावना को आहत करने वाला रुख अपना लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया:
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मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल
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विशेष कार्याधिकारी विनय मोहन थपलियाल
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मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र रतूड़ी
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कोच पवन शर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी दिनेश रतूड़ी
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श्री विजय गुलाटी व राजेन्द्र ध्यानी
न्यायालय के आदेशों की खुली अवहेलना
अमन श्वेडिया ने 10 अप्रैल को प्रेस वार्ता कर घोषणा की कि वे 13 अप्रैल को जन आक्रोश मार्च निकालेंगे जिसमें मातावाला बाग और श्री दरबार साहिब का उल्लेख किया गया है।
जबकि, माननीय न्यायालय द्वारा मातावाला बाग की 250 मीटर परिधि में धरना-प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित है। यह मार्च सीधे तौर पर कोर्ट के आदेश की अवमानना है।
ज्वलंत प्रश्न जो उत्तर माँगते हैं
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श्री दरबार साहिब की भूमि पर दावा ठोकने वाले ये लोग कौन हैं?
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इनके पीछे के असली उद्देश्य क्या हैं?
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क्या ये दरबार साहिब की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश नहीं?
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धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता को तोड़ने की कोशिश क्यों हो रही है?
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श्री महंत देवेन्द्र दास जी की छवि को नुक़सान पहुँचाने के पीछे किसका इशारा है?
दरबार साहिब: सेवा और समर्पण का प्रतीक
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श्री महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल — उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश के हज़ारों मरीजों की जीवनरेखा।
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SGRR पब्लिक स्कूल्स — रियायती दरों पर उत्कृष्ट शिक्षा।
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हरियाली और संरक्षण — पौधरोपण व पर्यावरण के लिए अग्रणी संस्थान।
मातावाला बाग: विकास की राह पर
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प्रवेश गेट बन चुका है
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खरपतवार हटाकर जुताई-बुआई की गई
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बाउंड्री वॉल लग चुकी है
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सौंदर्यीकरण कार्य प्रगति पर
झूठी अफवाहों की पोल खुली:
पेड़ काटने की बात पूर्णतः झूठी पाई गई है। वन विभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर स्पष्ट किया कि कोई पेड़ नहीं काटा गया।
अंतिम चेतावनी: अब बर्दाश्त नहीं
दरबार साहिब प्रबंधन ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी दी है। संगतों में भारी आक्रोश है और यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की तो धार्मिक माहौल को गहरा नुक़सान हो सकता है।
“मातावाला बाग की पवित्रता, श्री दरबार साहिब की गरिमा और समाज की एकता को आंच नहीं आने देंगे।”
– मुख्य व्यवस्थापक, श्री दरबार साहिब
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