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पौड़ी गढ़वाल (श्रीनगर): उत्तराखंड निकाय चुनाव के बाद भी नगर निगमों में प्रशासनिक खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही। श्रीनगर गढ़वाल की निर्दलीय मेयर आरती भंडारी और नगर आयुक्त के बीच बढ़ते मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। मेयर ने साफ तौर पर नगर आयुक्त पर शहर के विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया है और साथ ही इस्तीफा देने की चेतावनी भी दी है।
दरअसल, 3 मई को नगर निगम श्रीनगर की बोर्ड बैठक आयोजित की जानी थी, जिसमें शहर से जुड़े कई अहम विकास प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी। लेकिन, नगर आयुक्त नुपुर वर्मा की अनुपस्थिति के चलते बैठक को स्थगित करना पड़ा। इस पर मेयर समेत कई पार्षदों ने कड़ी नाराज़गी जताई।
“नगर आयुक्त का रवैया विकास के प्रति उदासीन है” — आरती भंडारी
मेयर आरती भंडारी ने कहा कि नगर आयुक्त को बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन न वे बैठक में उपस्थित हुईं और न ही किसी फोन कॉल का जवाब दिया। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए आरोप लगाया कि यह सब उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने और जनहित के कार्यों को बाधित करने के लिए किया जा रहा है।
आरती भंडारी ने कहा,
“अगर मेरी उपस्थिति श्रीनगर के विकास में बाधा बन रही है, तो मैं त्यागपत्र देने को तैयार हूं। मैं पद के लिए नहीं, जनता की सेवा के लिए यहां हूं।”
“किसी खास के इशारे पर रची जा रही साजिश”
मेयर का कहना है कि यह पूरी योजना किसी प्रभावशाली व्यक्ति के इशारे पर रची जा रही है, जो उनकी लोकतांत्रिक जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहा। उन्होंने इसे केवल विकास विरोधी नहीं, बल्कि महिला विरोधी मानसिकता का उदाहरण भी बताया।
शासन से पारदर्शिता और समन्वय की मांग
आरती भंडारी ने राज्य सरकार से मांग की है कि नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए और अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए जाएं। ताकि श्रीनगर की जनता को सुविधाजनक और प्रभावी प्रशासन मिल सके।
नगर आयुक्त का पक्ष आना अभी बाकी
Uttarakhand broadcast ने नगर आयुक्त नुपुर वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।यदि उनसे बात हो पाएगी तो जरूर उनका पक्ष रखा जाएगा।