उत्तराखंड के चमोली जिले में हाल ही में सामने आई जली कार और महिला की लाश के रहस्य से पुलिस ने आखिरकार पर्दा उठा दिया है। यह मामला अब आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, जिसमें एक भाई-बहन ने आर्थिक तंगी से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
घटना 06 अप्रैल की है, जब सुभाई मोटर मार्ग पर चांचड़ी गांव के पास एक कार में महिला का जला हुआ शव बरामद हुआ था। पुलिस जांच के दौरान कार से लगभग 150 मीटर नीचे गहरी खाई में एक पुरुष का शव भी मिला, जिसकी पहचान श्वेता सेनापति और उनके भाई सुनील सेनापति के रूप में हुई है।
चमोली के एसपी सर्वेश पंवार के अनुसार, जिस कार (KA 01AG0590) से दोनों तपोवन क्षेत्र पहुंचे थे, वह उनके भाई संतोष सेनापति के नाम पर थी। हालांकि कार कर्नाटक नंबर की थी, लेकिन मृतक मूल रूप से ओडिशा के रायगढ़ के रहने वाले थे।
करीब 15-16 साल पहले कारोबार के सिलसिले में सेनापति परिवार विशाखापत्तनम शिफ्ट हो गया था। व्यापार में नुकसान होने के बाद वे बेंगलुरु चले गए। कोरोना काल के दौरान बड़े भाई संतोष की मृत्यु के बाद हालात और खराब हो गए। इसके बावजूद श्वेता और सुनील ने हार नहीं मानी और दोबारा व्यापार शुरू करने की कोशिश की।
हरिद्वार में साड़ियों का व्यापार भी घाटे में चला गया, जिससे मानसिक तनाव और बढ़ गया। अंततः 05 अप्रैल को दोनों चमोली के तपोवन क्षेत्र में पहुंचे और जान देने का फैसला कर लिया।
पुलिस को घटनास्थल से जहर की शीशी भी बरामद हुई है। जांच में यह सामने आया कि पहले श्वेता ने ज़हर खाया और फिर सुनील ने कार में आग लगाई। उसके बाद सुनील ने भी खुद को खत्म कर लिया।
शुरुआत में श्वेता की मौत को हत्या मानते हुए जांच की जा रही थी, लेकिन चार दिन बाद सुनील का शव मिलने और सबूतों के मिलान के बाद मामला साफ हो गया।