देहरादून: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं की प्रारंभिक और स्क्रीनिंग परीक्षा में न्यूनतम अंक लाने की व्यवस्था करीब साढ़े तीन साल बाद फिर लागू कर दी है।
लगभग तीन साल पहले इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को इसमें न्यूनतम 25 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होता था।उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि आयोग की परीक्षा परिणाम निर्माण प्रक्रिया नियमावली 2012 के अनुसार प्रारंभिक एवं स्क्रीनिंग परीक्षा में अनारक्षित अभ्यर्थियों को 35 प्रतिशत,
अन्य पिछड़ा वर्ग एवं उससे संबंधित उप श्रेणियों के अभ्यर्थियों को 30 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित अभ्यर्थियों को 25 प्रतिशत न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य था। आयोग की ओर से इस व्यवस्था को 26 जून 2019 को हटा दिया गया था। इसके बार पदों के हिसाब कटऑफ तय की जाती थी।
लेकिन लोक सेवा आयोग ने विचार विमर्श के बाद एक बार फिर से पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है। लोक सेवा आयोग ने नियमावली 2022 में संशोधित कर आयोग नियमावली 2012 के अनुसार आयोग की प्रारंभिक और स्क्रीन परीक्षा में न्यूनतम अंक लाने की व्यवस्था को लागू कर दिया है।