ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
आज उत्तराखंड बेरोजगार संघ के मुख्यमंत्री आवास कूच को सचिवालय चौक में ही रोक दिया गया,सैकड़ों की संख्या मे आज उत्तराखंड के बेरोजगार सडकों में उतरे,पुलिस ने परेड ग्राउंड के चारों ओर बैरिकेडिंग लगाकर युवाओं को कैद कर लिया।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री आवास कूच की सूचना 8 दिन पहले सिटी मजिस्ट्रेट और ट्रैफिक पुलिस को दे दी थी,लेकिन फिर भी उन्हें परेड ग्राउंड से 200 मीटर के भीतर रोक लिया गया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस या अन्य दलों को मुख्यमंत्री कूच की अनुमति दे दी जाती है,लेकिन उत्तराखंड के बेरोजगारों को मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं दिया जा रहा,प्रशासन ने इसके बाद 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री के P.R.O से मिलवाया गया,जिसके बाद मुख्यमंत्री के P.R.O ने अगले एक हफ्ते में मांगे पूरी करने को लेकर आश्वासन दिया है कि बेरोजगार संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा,जिसमें पांच लोगों के नाम तय किए गए हैं. बेरोजगारों की ये प्रमुख मांगे थी….
7 साल से रूकी टीजी2- यूपीसीएल-पिटकुल (JE-AE) की विज्ञप्ति जारी करो
उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्रसीमा बढ़ाओ, विज्ञप्ति जारी करो
संयुक्त परीक्षाओं में वेटिंग के प्रावधान का शासनादेश तत्काल जारी करो
कृषि, उध्यान और पशुपालन विभाग का फाइनल रिजल्ट जारी करो
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती उम्रसीमा बढ़ाओ-तत्काल विज्ञप्ति जारी करो
पॉलीटेक्निक लेक्चरर भर्ती में अनिवार्य योग्यता 55 प्रतिशत हो
विभिन्न विभागों में रिक्त जेई और एई भर्ती का हर साल कैलेंडर जारी हो
यूकेपीएसी और येकेएसएससी अपना परीक्षा कलेंडर तत्काल जारी करे
राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा नियमावली में परिवर्तन कर तत्काल आधिकारिक घोषणा हो और विज्ञप्ति जारी करें
उत्तराखंड में पूर्व में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच हो
इस दौरान कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा गिरने के कारण चोटिल हो है और उनके पैर में बंद चोट आ गई जिसके बाद उन्हें आंदोलनकारी साथियों द्वारा अस्पताल ले जाकर इलाज कराया गया,चिकित्सक ने 2 सप्ताह का आराम बताया है और पैर में प्लास्टर किया है।
वही काशीपुर से आंदोलन में सहभाग करने पहुंची युवा समाजसेवी कुसुमलता बौड़ाई ने बेरीगेटिंग में खड़े पुलिसकर्मियों से जमकर चुटकी ली,उन्होंने पुलिस कर्मियों को आयुष रावत पर लगे मुकदमों को धाराओं की जानकारी दी,कुसुम बोली हमारे युवा सीएम धामी तो एक युवा की मीम से डर जाते हैं यहां तो इतने युवा हैं तभी डरकर इतनी पुलिस लगा डाली।
वाकई उत्तराखंड बेरोजगार संघ के जुड़े युवाओं का यह कहना तो बिल्कुल ठीक है कि यदि राजनीतिक दल इस प्रकार के आंदोलन और घेराव करते हैं तो उनका एक प्रतिनिधिमंडल तत्काल मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंच जाता है,लेकिन यदि राज्य के बेरोजगार युवा अपने युवा मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं तो आखिर पुलिस उन्हें सड़क में ही कैद क्यों कर देती है,क्या यह कोई आतंकवादी है कि इन्हें मुख्यमंत्री मिलकर नहीं सुन सकते।
यह सब डिग्री डिप्लोमा धारी राज्य के भविष्य है यह युवा नेतृत्व का नारा देने वाली भाजपा सरकार को सोचना चाहिए।
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