किसानों की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर घोटाले को अंजाम दिया गया था। एनएच 74 घोटाले में 2017 में एसआईटी ने 201 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि की थी। अभी एनएच-74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा हैं लेकिन एसआईटी द्वारा मुख्य आरोपी डीपी सिंह को दोष मुक्त कर दिया गया है।
मार्च 2017 को तत्कालीन कमिश्नर डॉक्टर सोंथिल पांडियन ने करोड़ों रुपए का राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के घोटाले का पर्दाफाश किया था।
तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, जांच भी हुई। अब डीपी सिंह को क्लीन चिट देना कहीं न कहीं सवालों को खड़ा करता है। गठित एसआईटी में तत्कालीन एसएलओ और पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह को मुखिया आरोपी बनाया था। इस आरोप में 14 महीने तक आरोपी डीपी सिंह को जेल में रहना पड़ा था। करोड़ों के घोटाले के बाद प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग भी सक्रिय हुआ।
कई सौ करोड़ के घोटाले के आरोप में एसआईटी द्वारा वर्ष 2019 में एक चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
अब एसआईटी द्वारा ही मुख्य आरोपी दिनेश प्रताप सिंह को क्लीन चिट देना लोगों की समझ से परे है।