- निवर्तमान मेयर रामपाल रंगदारी मामले में न्यायालय में तलव
- पुलिस द्वारा भेजी गई फाइनल रिपोर्ट निरस्त, अब रामपाल के विरुद्ध धारा 389,506,में चलेगा मुकदमा
Uttarakhand broadcast: निवर्तमान मेयर रामपाल के खिलाफ दर्ज रंगदारी के मुकदमे मे पुलिस द्वारा भेजी गई फाइनल रिपोर्ट को माननीय न्यायालय ने निरस्त कर रामपाल को अभियुक्त मानते हुए धारा 389,506 में मुकदमा चलाने का आदेश देते हुए उन्हें न्यायालय में तलब कर लिया है।अब रामपाल के विरुद्ध रंगदारी, गाली गलौज आदि मामले में न्यायालय में मुकदमा चलेगा। भाईचारा एकता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार ने कहा कि वर्ष 2019 में रामपाल जनवरी माह की 13,16 और 17 तारीख को उनकी नजूल की जमीन किच्छा रोड निकट कुष्ठ आश्रम पर आए थे और 10 लख रुपए की रंगदारी मांगते हुए गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दी थी।
जिस पर के पी गंगवार द्वारा पुलिस को शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने रामपाल के खिलाफ सत्ता के दबाव में आकर मुकदमा दर्ज नहीं किया तब के पी गंगवार ने माननीय न्यायालय की शरण ली और न्यायालय के आदेश पर रामपाल के विरुद्ध रंगदारी का मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन भाजपा के मेयर होने के कारण सत्ता पक्ष की दवाव में आकर पुलिस ने झूठे तथ्य प्रस्तुत कर रामपाल के पक्ष में मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। केपी गंगवार द्वारा माननीय न्यायालय में पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को आस्वीकार करते हुए आपत्ति की जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा केपी गंगवार की जमीन से संबंधित तथ्यों को उचित मानते हुए रामपाल के खिलाफ रंगदारी व जान से मारने की धमकी के मामले मे पर्याप्त सबूत होने पर पुनः मुकदमा शुरू करते हुए रामपाल को न्यायालय में तलब कर लिया है।
केपी गंगवार ने एक बताया की सत्ता पक्ष के मेयर होने के कारण सत्ता के दबाव में रामपाल ने पुलिस से गलत तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट भिजवा दी थी लेकिन माननीय न्यायपालिका ने उसे निरस्त कर दिया श्री गंगवार ने कहा कि शहर की 80% नजूल की जमीन पर लोग काबिज हैं इसी तरह से वह भी किच्छा रोड पर स्थित अपनी भूमि पर काबिज हैं रामपाल कुछ लोगों के इशारे पर अपनी निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए केपी गंगवार की जमीन पर आए थे और उन्हें रंगदारी के 10 लाख रुपए न देने पर जमीन खाली करने की धमकी दी थी अब माननीय न्यायालय मे अगली सुनवाई जुलाई महीने में होगी