ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड राज्य एक ऐसा उदाहरण बन चुका हैं जहां भर्ती चाहे किसी भी विभाग में हो किसी न किसी तरह का फर्जीवाड़ा सामने आ ही जाता हैं,इतना ही नहीं इस राज्य में किसी भी तरह के प्रमाण पत्र आसानी से फर्जी बनाकर नौकरी ले ली जाती हैं।
ताजा मामला आया हैं उत्तराखंड की नर्सिंग अधिकारी भर्ती से,इस भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों में से आठ अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने राज्य सरकार के बेहद जिम्मेदार अधिकारियों से फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र बना लिए और और नर्सिंग अधिकारी बन गए।
अब मामले का खुलासा होने के बाद उत्तराखंड में फिर एक बार फर्जी तरीके से बन रहे प्रमाण पत्रों को लेकर,बाहरी अभ्यर्थियों,राज्य सरकार और रिश्वतखोर अधिकारियों को जमकर घेरा का जा रहा है।
मांग उठने लगी है कि यह जो आठ फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र पाए गए हैं इनकी जांच हो आखिर यह किन अधिकारियों ने बनाएं और उन अधिकारियों पर भी कठोर कार्यवाही की जाए,इतना नहीं आपको बताते चलें कि उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट को यह पता चला है कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के लिए जो नर्सिंग भर्ती के अभिलेख सत्यापन चल रहे हैं उसमें भी कई फर्जी तरीके से ईडब्ल्यूएस बनाकर अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं,जानकारी में यह भी है की एक महिला नर्सिंग अधिकारी के पति वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत है और उसके बाद भी उन्होंने ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बना लिया हैं और अभिलेख सत्यापन करा लिया हैं।
सवाल यह है कि आखिर खुले तौर पर ऐसे मामले सामने आने के बाद भी राज्य की सरकार आखिर क्यों चुप बैठी है?
आखिर ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा क्यों नहीं की जा रही है?
उत्तराखंड के युवाओं का धीरे-धीरे उत्तराखंड की वर्तमान सरकार और प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी से विश्वास उठता जा रहा है।
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