गुणवत्तापूर्ण मेडिकल एजुकेशन पर ज़ोर
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने नव-नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं, बल्कि भावी डॉक्टरों में संवेदनशीलता, सहानुभूति और सेवा भावना विकसित करना भी है।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा ही राज्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ देने का आधार बनेगी।
आयुष्मान योजना: 61 लाख कार्ड, 3300 करोड़ का कैशलेस उपचार
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार और मजबूती पर लगातार काम कर रही है।
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अब तक 61 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
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17 लाख से अधिक मरीजों ने योजना के तहत लाभ उठाया।
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3300 करोड़ रुपये से अधिक का कैशलेस इलाज किया गया।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है।
हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की दिशा में काम
सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
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वर्तमान में 5 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
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2 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में सुपर स्पेशियलिटी विभाग विकसित किए गए हैं।
हल्द्वानी में राज्य के पहले आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण भी गति पकड़े हुए है।
356 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी दूर करने के लिए व्यापक भर्ती अभियान चलाया जा रहा है।
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142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र वितरित।
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356 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया जारी।
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1248 नर्सिंग अधिकारियों और 170 टेक्नीशियनों की नियुक्तियां पूरी।
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लगभग 600 नए नर्सिंग अधिकारियों का चयन भी प्रगति पर।
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव: हेली एंबुलेंस से लेकर टेलीमेडिसिन तक
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य में दूरस्थ क्षेत्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कई आधुनिक सेवाएँ शुरू की गई हैं—
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गंभीर मरीजों को बचाने में हेली एंबुलेंस बड़ा सहारा साबित हो रही है।
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पूरे राज्य में पैथोलॉजिकल जांच मुफ्त कराई जा रही है।
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टेलीमेडिसिन सेवा से दूरदराज़ गांवों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पहुँच रही है।
27 हजार युवाओं को मिली सरकारी नौकरी—पारदर्शिता पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले भर्तियों में भ्रष्टाचार और पक्षपात आम था। सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया, जिससे चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनी।
अब तक लगभग 27 हजार युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल हुए हैं। सरकार ने आश्वासन दिया कि रिक्त पद जल्द भर्ती बोर्ड को भेजे जाएंगे।
मेडिकल शिक्षा की नई तस्वीर: 62% परमानेंट फैकल्टी, 100% स्थानीय नर्सिंग स्टाफ
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया—
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मेडिकल कॉलेजों में 62% स्थायी फैकल्टी कार्यरत है।
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पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का 70% निर्माण पूरा, अगले सत्र से संचालन शुरू होगा।
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सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 625 छात्र MBBS, 256 छात्र PG कर रहे हैं।
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प्रदेश के 100 संस्थानों में हर साल 14 हजार छात्र नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।
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हाल ही में नियुक्त किए गए 3000 नर्सिंग स्टाफ में 100% उत्तराखंड वासी हैं।
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राज्य में 32 लाख लोगों की निःशुल्क जांच, और 350 मरीजों को एयर एंबुलेंस से रेफर किया गया।













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