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हरिद्वार में स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आश्रम में आयोजित इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां एकत्रित थीं। स्वामी जी की प्रेरणा और उनके द्वारा रचित सौहार्दपूर्ण वातावरण में माहिम वर्मा और जय शाह ने उत्तराखंड में क्रिकेट की संभावनाओं पर गहन चर्चा की। यह मुलाकात औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर हुई, जिसमें दोनों ने राज्य में क्रिकेट की स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया।
चर्चा के प्रमुख बिंदु
अनुदान में वृद्धि और वित्तीय सहायता
माहिम वर्मा ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से बीसीसीआई द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया। […] 2022 में बीसीसीआई ने सीएयू का वार्षिक अनुदान 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13.5 करोड़ रुपये कर दिया, जो इस मुलाकात का एक ठोस परिणाम था।
बुनियादी ढांचे का विकास
उत्तराखंड में क्रिकेट स्टेडियमों और प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी एक प्रमुख चुनौती रही है। […] जय शाह ने इस दिशा में बीसीसीआई के सहयोग का वादा किया और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के तर्ज पर उत्तराखंड में प्रशिक्षण कैंप आयोजित करने की संभावना पर चर्चा की।
युवा और स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा
चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उत्तराखंड की युवा प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने पर केंद्रित था। […] उन्होंने एनसीए कैंप में सीएयू के खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को शामिल करने की बात कही।
महिला क्रिकेट को प्रोत्साहन
उत्तराखंड में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना भी चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। […] महिला आईपीएल जैसी पहलों में उत्तराखंड की खिलाड़ियों को शामिल करने की संभावना भी शामिल थी।
घरेलू टूर्नामेंट्स का आयोजन
माहिम वर्मा ने उत्तराखंड में रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और अन्य घरेलू टूर्नामेंट्स के सफल आयोजन के लिए बीसीसीआई से तकनीकी और प्रशासनिक सहायता मांगी। […] प्रदर्शनी मैच और स्थानीय टूर्नामेंट्स का आयोजन किया जाए।
मुलाकात का प्रभाव
यह मुलाकात उत्तराखंड क्रिकेट के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई। […] राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में सुधार कार्य शुरू हुए, और एनसीए कैंप में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को शामिल किया गया।
स्वामी अवधेशानंद गिरि की भूमिका
स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने इस मुलाकात को न केवल संभव बनाया, बल्कि अपनी प्रेरणादायक उपस्थिति से […] “खेल न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास का भी माध्यम है। उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को क्रिकेट के माध्यम से सशक्त करना हमारा कर्तव्य है।”
निष्कर्ष
माहिम वर्मा और जय शाह की इस मुलाकात ने उत्तराखंड में क्रिकेट के लिए एक नया खाका तैयार किया। […] उत्तराखंड के युवा खिलाड़ी अब बड़े मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार हैं, और यह सब उस एक मुलाकात से शुरू हुआ, जो हरिद्वार की पवित्र भूमि पर स्वामी अवधेशानंद गिरि के आशीर्वाद से संभव हुई।