Amit Bhatt, Dehradun: पुष्पांजलि इंफ्राटेक की ग्रुप हाउसिंग में 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये लेकर फरार हुए बिल्डर दीपक मित्तल के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर दून की दो नामी शख्सियत भी आ गई हैं। ईडी ने पुष्पांजलि की अधूरी और निर्मित परियोजना का निर्माण करने वाले बिल्डर, सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स के संचालक और भगौड़े दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को समन जारी किया है। तीनों को पूछताछ के लिए अगले सप्ताह अलग-अलग दिन पर सोमवार से गुरुवार के बीच बुलाया गया है
ईडी के सूत्रों के अनुसार दून के बिल्डर शिव कंस्ट्रक्शन के संचालक शरद अग्रवाल ने पुष्पांजलि की परियोजनों में कंस्ट्रक्शन का काम किया, जबकि सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स के मालिक सुयश अग्रवाल भगौड़े बिल्डर दीपक मित्तल के करीबी हैं। दूसरी तरफ फ्लैट खरीदारों को चूना लगाकर फरार हुए दीपक मित्तल के पिता अश्वनी को मिलीभगत के आरोप में पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में ऐसा कुछ हाथ लगा है, जिसको लेकर शरद अग्रवाल और सुयश अग्रवाल के साथ ही अश्वनी मित्तल से पूछताछ आवश्यक है। यही कारण है कि ईडी ने तीनों को समन भेजकर तलब किया है। यदि दीपक मित्तल के मनी लांड्रिंग प्रकरण में ईडी के हाथ कुछ ठोस साक्ष्य लगे हैं तो तीनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामले में मित्तल के पिता पहले से आरोपी हैं, जबकि बिल्डर शरद अग्रवाल और सुयश अग्रवाल के नाम पहली बार सामने आए हैं।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक का निदेशक दीपक मित्तल पत्नी राखी मित्तल के साथ 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपए लेकर वर्ष 2020 से फरार है। इस मामले में मित्तल उसकी पत्नी और कंपनी के अन्य निदेशकों के विरुद्ध पुलिस ने 09 से अधिक मुकदमे दर्ज किए हैं। आवासीय परियोजना के नाम पर सहस्रधारा रोड पर महज दो टावर के अधूरे ढांचे ही खड़े हैं। लोग अपनी धनराशि मांगने के लिए खून के आंसू रोने को विवश हैं। यहां तक का लंबे समय से खरीदार उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के चक्कर भी काट रहे हैं।
बिल्डर दीपक मित्तल की फरारी के बाद कोर्ट में पेश न होने पर ईडी ने उसके हरिद्वार स्थित आवास पर नोटिस चस्पा कर ढोल बजाकर मुनादी भी कराई थी। पुष्पांजलि इंफ्राटेक की ग्रुप हाउसिंग परियोजना में कुल 08 टावर में 320 फ्लैट का निर्माण प्रस्तावित किया गया था। निर्माण के नाम पर स्थल पर दो टावर के अधूरे ढांचे खड़े किए गए और 90 फ्लैट की बुकिंग कर 45 करोड़ रुपए के करीब भी बिल्डर दीपक मित्तल ने प्राप्त कर लिए। जबकि परियोजना का निर्माण वर्ष 2018 से ही बंद कर दिया गया था। फ्लैट खरीदारों ने जब निर्माण पूरा करने या धनराशि वापस करने की मांग की तो कंपनी निदेशक बिल्डर दीपक मित्तल पत्नी राखी मित्तल के साथ वर्ष 2020 में फरार हो गया। जिसके बाद रेरा में शिकायत का आंकड़ा बढ़ता गया और आर्किड पार्क (फेज एक और दो) के फ्लैट खरीदारों की कुल 62 शिकायतें दर्ज कर दी गई।
ईडी ने 2022 में दर्ज किया केस, अटैच की परियोजना
पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा. लि. कंपनी के अंतर्गत बिल्डर दीपक मित्तल ने परियोजना का निर्माण अन्य पार्टनर/निदेशक राजपाल वालिया और उसकी पत्नी शेफाली वालिया के साथ मिलकर आवासीय परियोजना का निर्माण किया था। फ्लैट की बुकिंग के रूप में खरीदारों से धनराशि एकत्रित करने के साथ बिल्डर ने पीएनबी की इंदिरा नगर शाखा से 21 करोड़ रुपए का ऋण भी लिया था। जो अब एनपीए घोषित हो चुका है। इसकी वसूली के लिए पीएनबी ने सरफेसी एक्ट के तहत परियोजना को सील करने भी पहुंची थी, लेकिन खरीदारों के हित को देखते हुए रेरा ने वर्ष 2022 में सीलिंग पर रोक लगा दी थी। प्रकरण में मनी लांड्रिंग के एंगल को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने मार्च 2022 में ही परियोजना और निदेशकों के फ्लैट अटैच कर दिए थे। साथ ही आरोपियों पर निरंतर शिकंजा भी कसा जा रहा है।
एसटीएफ, पुलिस और ईडी ने अन्य निदेशकों पर कसा शिकंजा, हाथ नहीं आ रहे मित्तल दंपती
बिल्डर मित्तल दंपती की तरह अन्य निदेशक भी फरार न हो जाएं, इस स्थिति को देखते हुए ईडी ने निदेशक राजपाल वालिया की पत्नी शेफाली वालिया को गिरफ्तार किया। इसी क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने राजपाल वालिया को गिरफ्तार किया और ईडी ने भी इनकी गिरफ्तारी की। जबकि दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट से स्टे प्राप्त कर लिया है। कुल मिलाकर अभी दीपक और राखी मित्तल को छोड़कर अन्य निदेशकों पर शिकंजा कसा जा चुका है।